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पुरानी पेंशन योजना बहाली सहित 11 मांगों पर कर्मचारी महासंघ ने सौंपा ज्ञापन

केकड़ी। अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय मांग दिवस आंदोलन के तहत संयुक्त महासंघ केकड़ी ने 11 सूत्रीय मांग पत्र को लेकर प्रदर्शन किया और जिला कलेक्टर श्वेता चौहान को ज्ञापन सौंपा। इस प्रदर्शन में राज्य कर्मचारियों की लंबित मांगों को लेकर आवाज उठाई गई, जिसमें मुख्य रूप से पीएफआरडीए अधिनियम को निरस्त कर राज्य कर्मचारियों के 41,000 करोड़ रुपए वापस जीपीएफ खाते में जमा करने की मांग की गई। इसके साथ ही, राजस्थान में पुरानी पेंशन योजना को जारी रखने की भी मांग की गई।


प्रदर्शन को संबोधित करते हुए जिला संयोजक रामधन जाट ने कहा कि कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों को दूर कर वर्ष 2013 की अनुसूची पांच के अनुसार सातवें वेतन आयोग में वेतन निर्धारण किया जाए और आठवें वेतन आयोग का तुरंत गठन किया जाए। उन्होंने हर पांच साल में एक बार वेतन संशोधन लागू करने की मांग की, साथ ही मुख्यमंत्री की बजट घोषणा संख्या 155 के अनुसार एसीपी के स्थान पर 7, 14, 21 एवं 28 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति पद का वेतनमान स्वीकृत करने की मांग की। कर्मचारी महासंघ के महामंत्री हेमंत कुमार खराड़ी ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार नहीं किया गया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों में कर्मचारियों की पदोन्नति समय पर नहीं होने से नाराजगी है और सरकार को इस पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।

प्रदर्शन के दौरान विक्रांत वैष्णव, डॉ. विष्णु कुमार तेली, कैलाश गोड, धर्मराज मीना, शिवराज धाकड़, सतपाल चौधरी, चांदमल खटीक, धनराज गुजराल, दीपचंद जैन, रामगोपाल चौधरी, शशिकांत शर्मा, विमल दाधीच, पदम कुमार लोहार, कैलाश चंद झारोटिया, धर्मेंद्र कुमार जलोदिया सहित कई कर्मचारी नेता उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं की गईं, तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा। ज्ञापन में सहायक कर्मचारी को एमटीएस घोषित करने, स्थानांतरण नीति में पारदर्शिता लाने, ग्रामीण क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों को ग्रामीण भत्ता देने, संविदा एवं आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित कर्मचारी का दर्जा देने, तथा सभी विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में रिक्त पदों को नियमित नियुक्तियों से भरने की मांगें भी शामिल हैं। 

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