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मुनि अनुपम सागर महाराज का संदेश: समय को समझकर निर्णय लें, स्वार्थ से दूरी बनाएं

केकड़ी- इंसान स्वार्थ के लिए अपने ही स्वजन को धोखा कर लेता है यह बड़ा दुख का कारण बन जाता है विषय कसाई के निमित्त से धोखा दे देता है ज्ञान वान हितोपदेसी अनुभव व्यक्ति  का कभी साथ नहीं छोड़ना चाहिए। समय को हमेशा समझते रहना चाहिए । यदि हम समय पर नहीं संभल सके तो हानि उठानी पड़ सकती है । नीज का निज में खो जाना परमात्मा बनने का एक मात्र यही उपाय है । मैं को छोड़कर हम बना सीखे । मैं शब्द मात्र अकेलापन दर्शाता है और हम शब्द अपने आप में सबका हो जाता है । पांडुक शिला स्थित श्री ऋषभदेव जिनालय में सत्यार्थ बोध पावन वर्षा वर्षा योग के अवसर पर आयोजित धर्म सभा में मुनि अनुपम सागर महाराज ने धमर्मोपदेश में कहे । 


धर्म सभा में मुनि यतीन्द्र सागर महाराज ने कहा कि धर्म प्रवर्तन धर्मी के बिना नहीं हो सकता है समय कल के अनुसार सभी के दिन एक जैसा नहीं होता । यह परिवर्तनशील है अर्श से फर्श तक पहुंचने में भी समय नहीं लगता है । संगठन में शक्ति  है एक जुट होकर कठिन से कठिन बाधा को भी पार कर सकते हैं ।प्रातः जिनाभिषेक, शांति धारा, दैनिक पूजन सहित धार्मिक कार्यक्रम मुनि ससंघ के सानिध्य में संपन्न किए गए । मीडिया प्रभारी रमेश जैन ने बताया कि आचार्य श्री के चित्रअनावरण, दीप प्रज्लन एवं मुनि के पाद प्रक्षालन, शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य पदमचंद, अरिजंय सेठी परिवार ने प्राप्त किया । धर्मसभा का संचालन पदम जैन बिजवाड़ द्वारा किया गया।

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