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पुजारियों के अधिकारों के संरक्षण के लिए वैष्णव समाज की पहल, जिला कलेक्टर केकड़ी को ज्ञापन सौंपा

केकड़ी-  वैष्णव ब्राह्मण सेवा समिति के प्रतिनिधियों ने राजस्थान सरकार को पुजारियों के अधिकारों की रक्षा हेतु ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन जिला कलेक्टर श्वेता चौहान को दिया गया, जिसमें राजस्व रिकॉर्ड में पुजारियों के नाम को संरक्षक के रूप में पुनः दर्ज करने की मांग की गई। ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि राजस्थान सरकार के राजस्व विभाग के आदेशानुसार, सभी जिलाधीशों को निर्देश दिए गए थे कि 1991 के आदेश के अनुसार मंदिर माफी देव भूमि की पंजिका में पुजारियों के नाम दर्ज किए जाएं। इन आदेशों की अनुपालना में झालावाड़ कलक्टर द्वारा तहसील स्तर पर आदेश जारी किए गए थे, लेकिन अजमेर जिले में अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

समिति के अनुसार, पुजारियों की भूमि पर अतिक्रमण की समस्या बढ़ती जा रही है, और शिकायत करने पर स्थानीय अधिकारियों द्वारा उचित कार्रवाई नहीं की जा रही है। इस पर समिति ने मांग की है कि अतिक्रमण हटाने और पुजारियों को उनके अधिकार दिलाने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाए। लोक सभाध्यक्ष ओम बिरला ने भी इस मामले में पुजारियों के पक्ष में राजस्थान सरकार को पत्र लिखकर अवगत कराया है। समिति ने उम्मीद जताई है कि जिला प्रशासन और राज्य सरकार शीघ्र ही आवश्यक कदम उठाकर पुजारियों को न्याय दिलाएंगे।

इस अवसर पर वैष्णव समाज के अनेक सदस्य उपस्थित थे, जिनमें समिति के संभाग अध्यक्ष रामस्वरूप वैष्णव, सीताराम डाबर, परमेश्वर अरनिया, परमेश्वर टिलावत, शिव शंकर वैष्णव हिंगतड़ा, नवल किशोर वैष्णव, जुगल चौसला, निर्मल कुमार शर्मा, कैलाश वैष्णव, रामराज वैष्णव, गोपाल, बद्री लाल लक्ष्मीपुरा, महावीर वैष्णव, दिनेश वैष्णव खिड़की गेट, गोविंद वैष्णव अस्थल सहित कई अन्य लोग शामिल थे।


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