Header Ads

test

स्क्रब टायफस का कहर: केकड़ी जिले में 20 मामले, जानिए कैसे करें बचाव

केकड़ी, 27 सितंबर 2024- स्क्रब टायफस बीमारी के बढ़ते मामलों ने केकड़ी और आसपास के क्षेत्रों में चिंता का माहौल पैदा कर दिया है। यह बीमारी मुख्य रूप से पशुओं पर पाए जाने वाले बाह्य परजीवियों से फैलती है जिन्हें चीचड़ा, बग या गोवड़ा के नाम से जाना जाता है। यह बीमारी तब फैलती है जब इन परजीवियों के बहुत छोटे लार्वा इंसान की त्वचा पर काटते हैं जिससे संक्रमण का कीटाणु शरीर में प्रवेश कर जाता है। इस बीमारी का प्रसार विशेष रूप से ग्रामीण और पहाड़ी इलाकों में देखा जा रहा है। स्क्रब टायफस की पहचान करना आसान नहीं है क्योंकि इसके लक्षण सामान्य बुखार जैसे ही होते हैं। इसमें तेज बुखार, शरीर में दर्द, सिर दर्द, भ्रम और कभी-कभी कोमा की स्थिति बन सकती है। संक्रमित व्यक्ति की मानसिक स्थिति ठीक नहीं रहती और लिम्फ नोड्स बढ़ जाते हैं जो शरीर में संक्रमण के फैलने का संकेत हो सकते हैं। इन लक्षणों को नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है इसलिए किसी भी तरह की अस्वाभाविक स्थिति में तुरंत चिकित्सकीय सलाह लेना जरूरी है।


पशुपालन विभाग केकड़ी के उपनिदेशक अमित पारीक ने बताया कि इस बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय अपनाए जा सकते हैं। संक्रमित लोगों से दूरी बनाकर रखना, घर और आस-पास साफ-सफाई बनाए रखना घर में कीटनाशकों का छिड़काव करना और बाहर जाते समय शरीर को पूरी तरह से ढककर रखना आवश्यक है। नियमित रूप से हाथ धोना भी संक्रमण से बचाव के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, पशुपालन विभाग ने बाह्य परजीवियों को नियंत्रित करने के लिए पशुओं और उनके बाड़ों में 1% साइपरमैथ्रीन का छिड़काव करने की सलाह दी है। चूने का उपयोग भी एक प्रभावी उपाय है। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि लोग गीली घास या चारे में नंगे पैर न चलें, और हमेशा पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें, ताकि शरीर का कोई भी हिस्सा खुला न रहे।


केकड़ी जिले में अब तक 20 स्क्रब टायफस के मामले सामने आए हैं। इनमें से केकड़ी ब्लॉक में 2, सावर ब्लॉक में 10, सरवाड़ में 5, भिनाय में 2 और टोडा में 1 मामला दर्ज हुआ है। पशुपालन विभाग ने इन क्षेत्रों में तत्काल स्प्रे कराकर बाह्य परजीवियों को नियंत्रित करने का कार्य शुरू कर दिया है। साथ ही स्थानीय लोगों को बीमारी के प्रति जागरूक करने के लिए अभियान भी चलाया जा रहा है। विभाग द्वारा की जा रही इन कोशिशों के बावजूद लोगों को स्वयं भी सतर्क रहने की जरूरत है। पारीक ने अपील की कि यदि किसी को भी तेज बुखार, शरीर में दर्द या सिर दर्द जैसे लक्षण दिखाई दें तो वे तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें। समय पर उपचार से इस बीमारी को गंभीर होने से रोका जा सकता है। 


स्क्रब टायफस के बढ़ते मामलों के बीच यह आवश्यक है कि लोग अपने घरों और आस-पास के क्षेत्रों में साफ-सफाई का ध्यान रखें और बाहर जाते समय सुरक्षा उपायों का पालन करें। स्वास्थ्य विभाग की सलाह और बचाव के उपायों को अपनाकर इस बीमारी के फैलाव को नियंत्रित किया जा सकता है।

No comments