राजीविका परियोजना निदेशक के स्थानांतरण की मांग, कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन संघ ने सौंपा ज्ञापन
केकड़ी 27 सितंबर 2024- राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (राजीविका) में कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन संघ ने परियोजना निदेशक अजय कुमार आर्य के स्थानांतरण की मांग करते हुए जिला कलेक्टर श्वेता चौहान के माध्यम से ग्रामीण विकास मंत्री को ज्ञापन सौंपा। संघ का आरोप है कि अजय कुमार आर्य के कार्यकाल में स्वयं सहायता समूह (SHG) और कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन (CRP) के सदस्यों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनकी आजीविका पर संकट मंडरा रहा है। संघ के सदस्यों का कहना है कि अजय कुमार आर्य के आने के बाद कई कर्मचारियों को बिना किसी उचित कारण के हटा दिया गया है, जिससे उनका रोजगार छिन गया है। इसके अलावा, उन्होंने कई समूहों और संगठनों को भी बंद कर दिया है, जिससे हजारों महिलाएं राजीविका योजना से बाहर हो गई हैं। इस परिस्थिति में महिलाएं और छोटे स्तर के कर्मचारी असंतुष्ट हैं और उनकी आजीविका पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।
संघ ने पूर्व परियोजना निदेशक हरदीप सिंह चोपड़ा के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में कई महिलाएं राजीविका योजना से जुड़कर लाभांवित हुई थीं। उन्होंने महिलाओं और समूहों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। संघ का कहना है कि हरदीप सिंह चोपड़ा की नीतियां महिलाओं और समूहों के विकास के लिए बेहतर थीं, लेकिन वर्तमान परियोजना निदेशक अजय कुमार आर्य ने उन नीतियों को बदलकर VST (Village Support Team) पॉलिसी लागू की है, जो संघ के अनुसार पूरी तरह से गलत है। संघ ने मांग की है कि पूर्व की नीतियों जैसे RCRP, VOCRP और CLF CRP को पुनः लागू किया जाए ताकि समूहों को फिर से सक्रिय किया जा सके। ज्ञापन में यह भी बताया गया है कि वर्तमान में राजस्थान में कई ग्राम संगठन और स्वयं सहायता समूह बंद हो चुके हैं, क्योंकि अजय कुमार आर्य का कार्य संघ और समूहों के लिए संतोषजनक नहीं रहा है। संघ ने यह भी आरोप लगाया कि परियोजना निदेशक अजय कुमार आर्य राजीविका परियोजना को असफल करने में लगे हुए हैं और इसके कारण हजारों महिलाओं का रोजगार खतरे में है।
संघ ने मांग की है कि अजय कुमार आर्य का तुरंत स्थानांतरण किया जाए और उनकी जगह किसी ISS या RAS अधिकारी को परियोजना निदेशक नियुक्त किया जाए, ताकि परियोजना को सही दिशा में आगे बढ़ाया जा सके और महिलाओं को रोजगार और आजीविका के साधनों से पुनः जोड़ा जा सके। ज्ञापन के दौरान पूजा कुमावत, ग्यारसी खारोल, रेखा शर्मा, चिंता गुर्जर, रामगनी मीणा, माया देवी, जुबेदा और सीता देवी सहित कई महिलाएं उपस्थित थीं।
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