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धर्म, तप और संयम से कर्मों के दहन का मार्ग- शिवम वाटिका में बालाचार्य निपुणनंदीजी व आर्यिका स्वस्तिभूषण माताजी का धर्मोपदेश

केकड़ी- मोह के कारण मानव घर को पैसे, शरीर, पुत्रों, और स्त्री को अपना मान रहा है किसी पदार्थ को जलाने के लिए अग्नि का सहारा लेना होता है उसी प्रकार माह रूपी कर्मों के दहन के लिए राग द्वेष मोह को कायोत्सर्ग के माध्यम से दूर किया जा सकता है । बोहरा काॅलोनी स्थित शिवम वाटिका में बालाचार्य निपुण नंदी जी महाराज ने आयोजित धर्म सभा में अपने धर्मोपदेश में कहे। धर्म सभा में आर्यिका स्वस्ति भूषण माताजी ने कहा की आत्मा रूपी ज्ञान के साथ कर्म रूपी ज्ञान की आत्म विशुद्धि के लिए किया गया कार्य तप कहलाता है । दूध से पानी को अलग करने के लिए गर्म करना पड़ता है उसी प्रकार कर्मों को जलाने के लिए तप त्याग संयम रूपी अग्नि से तपाकर कर्म बंधन से छुटकारा पा सकते हैं ।


प्रातः आचार्य इंद्रनंदी जी महाराज ससंघ विहार करते हुए केकड़ी पहुंचने पर मंडी गेट के पास पिपली चैराहे पर आर्यिका ससंघ एवं सकल दिगम्बर जैन समाज द्वारा अगवानी की गई । बाद में बैंड बाजों के साथ जुलूस के साथ धर्म स्थल पर पहुंचे ।


प्रातः जिनाभिषेक, शांति धारा, जिनेंद्र अर्चना सहित धार्मिक क्रियाएं आर्यिका ससंघ के सानिध्य में की गई । समाज के मंत्री कैलाश जैन ने बताया कि 30 अप्रैल से प्रारंभ होने वाले मुनि आर्यिका ससंघ के सानिध्य में कल्पद्रुम महामंडल विधान किया जा रहा है । जिनके पात्रों चयन किया गया । सौधर्म इन्द्र - टीकमचंद, विपिन कुमार, जितेंद्र कुमार, सानिध्य, रामथला परिवार, चक्रवर्ती इंद्र - चांदमल, भैरूलाल, अभिनव बावड़ी वाले, कुबेर इंद्र - गोविंद कुमार, राजकुमार, उत्कर्ष, पंत सदारा वाले, महायज्ञ नायक-महावीर प्रसाद, पारसमल, तिलोकचंद, भागचंद, लाभचंद, नवल कुमार, बघेरा वाले, यज्ञ नायक-अमरचंद, अशोक कुमार, अनिल कुमार, कुहाड़ा वाले, ईशान इंद्र- भागचंद, ज्ञानचंद, सुनील कुमार धून्धरी वाले, सनत कुमार इन्द्र- ओमप्रकाश, योगेश कुमार, अंकुर कुमार, अभिषेक कुमार, सदारा वाले, महेन्द्र इन्द्र - कैलाश चंद, प्रकाश चंद, पीयूष कुमार, बघेरा वालों ने प्राप्त किया। मीडिया प्रभारी रमेश बंसल ने बताया कि चित्र अनावरण, पाद पक्षालन, एवं शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य शांतिनाथ बहू मंडल ने प्राप्त किया। समाज के अमरचंद चैरूका ने बताया कि बुधवार को प्रातः झंडारोहण महावीर प्रसाद, सुनील कुमार, अनिल कुमार, संजय कुमार मित्तल परिवार द्वारा किया जाएगा । विधान स्थल पर घट यात्रा, मंडप शुद्धि, आचार्य निमंत्रण सहित धार्मिक क्रियाएं आर्यिका स्वस्तिभूषण माताजी एवं कपिल भैया के निर्देशन में संपन्न होगी । शाम को आरती भक्ति आनंद यात्रा एवं विधान के चयनित पात्रों की हल्दी व मेहंदी रस्म संपन्न हुई । दिलीप जैन ने बताया कि आचार्य 108 श्री इंद्रनंदी जी महाराज ससंघ का अल्प प्रवास श्री आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में होगा । धर्म सभा का संचालन निकेत शास्त्री द्वारा किया गया।




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