निरंकारी महिला संत समागम नागौर में, जहां नारी का सम्मान होता है वहां देवता बसते- बहन आशा रंगवानी
केकड़ी:–सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की असीम कृपा से बीकानेर जोन का संत निरंकारी महिला संत समागम नागौर की सैनिक क्षत्रिय माली संस्थान में केकड़ी की बहन आशा रंगवानी के सानिध्य में बड़े ही हर्ष एवं उल्लास के साथ संपन्न हुआ।
केकड़ी ब्रांच के मीडिया सहायक राम चंद टहलानी के अनुसार इस महिला समागम में बहन आशा रंगवानी ने अपने प्रवचनों में फरमाया कि यह समागम नारी सम्मान के लिए मात्र 2 घंटे का समय नहीं है कहां भी गया है कि जहां नारी का सम्मान होता है वहीं पर देवता बसते हैं।अल्लाह बोलिए चाहे राम बोलिए पहले पहचान कर फिर नाम बोलिए आज समय के सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज जन जन को यह परमात्मा का ज्ञान दे रहे हैं इंसान का जन्म ही परमात्मा को जानने के लिए हुआ है हमें सतगुरु की सिखलाई को जीवन में अपनाना होगा। जिस प्रकार आंख में मोतियाबिंद होने पर इंसान को कुछ नहीं दिखता है और यह पर्दा डॉक्टर हटाते हैं उसी प्रकार मानव जीवन में अज्ञानता का पर्दा सद्गुरु हटाते हैं सद्गुरु ज्ञान देकर हमें अपने समान बनाते हैं। यह रहमतों का वक्त है यह ब बख्शीशो का वक्त है परमात्मा तो हमें हर पल ही बक्शते रहते हैं कमी हम इंसानों में है कि हम उनकी रहमतों को समझ नहीं पाते हैं
इस निरंकारी महिला समागम में बीकानेर,नागौर, मेड़ता, सेनणी,दूद सागर, खाजूवाला,जैसलमेर, पोकरण, कड़छी,केकड़ी इत्यादि शहरों से साध संगत ने भाग लेकर हिंदी,अंग्रेजी, राजस्थानी,पंजाबी भाषा का सहारा लेते हुए अपने गीत,व्याख्यान,कविताएं,लघु नाटिकाएं प्रस्तुत कर साथ संगत को भाव विभोर कर दिया।
बीकानेर की जोनल इंचार्ज बहन संध्या सक्सेना ने कहा कि तन और मन का यह रोग सिमरन के द्वारा ही दूर हो सकता है।मैं कौन हूं और कहां से आया हूं और कहां मुझे जाना है इसका भी ज्ञान होना बहुत जरूरी है और यह सतगुरु के द्वारा ही संभव है बहन सक्सेना ने समस्त संगत का एवं संस्थान के पदाधिकारीयों का आभार प्रकट किया जिन्होंने यह संस्थान इस समागम के लिए उपलब्ध कराया।नागौर के मुखी अरविंद गहलोत ने कहा कि हम कैसे भी रहे पर यह संतों का साथ हमारा कभी छूटना नहीं चाहिए हर पल परमात्मा का स्मरण करते हुए संतों का संग करना चाहिए।
इस महिला समागम का सुंदर रूप बनाने के लिए मेड़ता बीकानेर एवं अन्य शहरों से आए हुए सेवादल के जवानों एवं बहनों ने भरपूर सहयोग दिया। समागम के दौरान निरंकारी मिशन के साहित्य की प्रकाशन की एक स्टॉल भी लगाई गई एवं समस्त साध संगत के लिए लंगर प्रसादी का भी आयोजन रखा गया।
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