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फर्जी दस्तावेज़ बनाकर स्वामित्व जताने का आरोप, न्यायालय ने दो आरोपियों पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए

केकड़ी- धोखाधड़ी कर फर्जी व कूटरचित दस्तावेज तैयार करने के मामले में अपर मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट प्रथम, केकड़ी ने दो व्यक्तियों के खिलाफ पुलिस थाना केकड़ी शहर में मुकदमा दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं।


केकड़ी निवासी रईस अहमद पुत्र सुलेमान लोहार ने अपने अधिवक्ता आसिफ हुसैन के माध्यम से न्यायालय में परिवाद दायर कर आरोप लगाया कि उनकी पैतृक दुकान पर उनका स्वामित्व पूर्वजों से चला आ रहा है और इस पर किसी अन्य का कोई हक नहीं है। परिवाद में बताया गया कि दुकान उनके परदादा द्वारा निर्मित करवाई गई थी, जिसके बाद क्रमशः दादा, पिता और वर्तमान में वह स्वयं इस दुकान में व्यवसाय कर रहे हैं।

परिवादी के अनुसार वर्ष 2017 में उन्हें अभियुक्त शिवचरण पुत्र मोहनलाल व गोपाल पुत्र मोहनलाल बोहरा द्वारा एक वकील नोटिस मिला, जिसमें उनके स्वर्गवासी दादा मुस्ताक अहमद को दुकान का किरायेदार बताते हुए 13 अप्रैल 1981 का लाइसेंसनामा/किरायानामा प्रस्तुत किया गया। बाद में अभियुक्तों ने इस आधार पर सिविल वाद भी दायर किया।

रईस अहमद ने बताया कि उन्होंने लाइसेंसनामा/किरायानामा की प्रमाणित प्रति निकलवाकर अपने दादा के 20 सितंबर 1986 को पंजीकृत पट्टे के हस्ताक्षरों से मिलान किया, जो पूरी तरह भिन्न पाए गए। दस्तावेज में न तो गवाहों के हस्ताक्षर थे और न ही कोई नोटरी तस्दीक, जिससे यह स्पष्ट है कि दस्तावेज कूटरचित और फर्जी है।

परिवादी ने यह भी बताया कि जिस भूमि को अभियुक्तगण अपनी बताकर दस्तावेज तैयार कर रहे थे, वह सार्वजनिक निर्माण विभाग की नोटिस के अनुसार राजकीय भूमि है, जो वर्तमान में नगर पालिका के नाम से दर्ज है। तहसीलदार के आदेश पर पटवार हल्का द्वारा की गई जांच में भी दुकान पर पूर्वजों के कब्जे की पुष्टि हुई।

एडवोकेट आसिफ हुसैन की दलीलों और उपलब्ध दस्तावेजी सबूतों को देखते हुए न्यायालय ने प्रथमदृष्टया धोखाधड़ी एवं कूटरचना का मामला मानते हुए दोनों अभियुक्तों के खिलाफ पुलिस थाना केकड़ी शहर को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

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