Header Ads

test

बीसलपुर बांध में तेजी से घट रहा पानी, गहरा सकता है जल संकट, मानसून का इंतजार

केकड़ी: बीसलपुर बांध, जो अजमेर, जयपुर, टोंक, दौसा और केकड़ी जिलों को पानी की आपूर्ति करता है, में पानी का स्तर तेजी से घट रहा है। 12 साल में दूसरी बार जून में बांध अपने उच्चतम स्तर पर था, लेकिन फिलहाल बांध में केवल 27 फीसदी पानी बचा है और जलस्तर 309.73 आरएल मीटर पर है।


इससे पहले जून 2019 में बांध का जलस्तर इतना गिर गया था। हर साल जुलाई या अगस्त में बांध में पानी अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच जाता है, लेकिन इस बार जलदाय विभाग बांध में जलस्तर का सही आकलन करने में विफल रहा। जून के अंत तक बांध का जलस्तर 310.49 आरएल मीटर होना चाहिए था। विशेषज्ञों का कहना है कि बांध से रोजाना 1070 मिलियन लीटर पानी निकाला जा रहा है और अगर बारिश कम हुई तो अगस्त के मध्य तक पानी की आपूर्ति टूट जाएगी।

जल संकट की आशंका

पानी हर दिन 2 सेमी कम हो रहा है। अगर मानसून में पर्याप्त बारिश नहीं हुई तो तीन जिलों में जल संकट गहरा सकता है। बीसलपुर बांध परियोजना के एक्सईएन मनीष बंसल ने बताया कि पिछले 14 सालों की तुलना में बांध में अभी 38.708 TMC पानी के मुकाबले केवल 10.502 TMC पानी है, जो कुल जलभराव क्षमता का 26.99 प्रतिशत ही है। यह करीब 10 माह तक सप्लाई हो सकता है, लेकिन बांध में गाद होने के कारण उपलब्ध पानी को दस माह तक सप्लाई लायक भी नहीं माना जा सकता है। अनुमान के अनुसार एक साल में करीब 12 TMC पानी की सप्लाई होती है। 

मानसून के सक्रिय होने के साथ उम्मीदें बांध के जलसंग्रहण वाले जिलों में बरसात पर भी टिकी हुई हैं। यदि वहां अच्छी बरसात होती है और बांध ओवरफ्लो होते हैं, तो बारिश का पानी बीसलपुर बांध तक पहुंच सकता है। 

अभी के हालात देखते हुए, मानसून की बरसात ही बांध को जल संकट से उबारने में मदद कर सकती है।उम्मीदें बांध के जलसंग्रहण वाले जिलों में बरसात पर भी टिकी होगी, वहां अच्छी बरसात भी हो. वंहा के बांध ओवरफ्लो हो, जिससे बारिश का पानी बीसलपुर बांध तक पंहुचे।स्थानीय प्रशासन और जलदाय विभाग के अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे पानी की बचत करें और इसे अनावश्यक रूप से बर्बाद न करें।

No comments