बाहरी आवरण से नहीं, अपने आंतरिक स्वरूप से जुड़े-आचार्य अमित गति स्वामी.... प्रभु के प्रति समर्पण से जीवन की कठिनाइयों का सामना करें-मुनि अनुपम सागर महाराज
24 अगस्त 2024, केकड़ी - आचार्य अमित गति स्वामी ने अपने धर्मोपदेश में इस बात पर प्रकाश डाला कि अंतरंग में जो आत्म रुपी परमात्मा छिपा हुआ है उसको पहचान नहीं पा रहे हैं । मात्र ऊपरी आवरण के रंग रूप को देखकर प्रफुल्लित हो रहे हैं । भटका हुआ व्यक्ति कोशिश करके रास्ते में चला जाता है लेकिन लटका हुआ व्यक्ति खुद तो लटका रहता है और दूसरों को भी लटकाए हुए रखता है । मानव तन मन धन से दुख संपात से भरा है । संसार के सुखानुभूति का एहसास कर रहे हैं लेकिन भव के भविष्य के प्रति लगन नहीं बना पाते हैं । यदि किसी को भी मां के प्रति जो ममता एवं पिता की क्षमता की पहचान कर लेते हैं तो वह परिवार का उज्जवल एवं प्रगति में सहायक रहता है । प्रभु के प्रति समर्पण भाव से कठिन से कठिन संकट भी टल जाते हैं । मुनि वचन कभी भी गलत नहीं होते हैं । यदि सत्यार्थ बहुत को प्राप्त कर लोगे तो संसार के परिभ्रमण से बच सकते हैं और वह सुख दुख की भी भूल जाता है यदि रास्ता सही है तो गालियां भी पीछे छूट जाती है।
घंटाघर स्थित श्री आदिनाथ मंदिर में वर्षा योग के पावन अवसर पर आयोजित धर्म सभा में मुनि अनुपम सागर महाराज ने धर्मोपदेश में कहा कि ताल से ताल मिल जाने पर सुरताल बन जाता है कब तक रूप की परिणीति को देखते रहोगे अपने स्वरूप को पहचान करते हुए आत्म संयम मार्ग की खोज कर लेना चाहिए । मात्र अपनी इच्छा पूर्ति के भ्रूण हत्या तक कर लेते हैं । मनुष्य पर्याय जागृत अवस्था में जीने की कला है ।प्रात श्री नेमीनाथ मंदिर में मुनि ससंघ द्वारा जिनाभिषेक, शांति धारा एवं जिनेंद्र अर्चना सहित धार्मिक क्रियाएं संपन्न हुई । इस अवसर पर मुनिश्री ने प्रयुषण पर्व पर विशुद्ध संयम साधना शिविर पर प्रकाश डालते हुए सभी श्रावकों से आत्म साधना के लिए प्रेरित किया ।दिलीप जैन ने बताया कि आचार्य श्री के चित्र अनावरण, दीप प्रज्जवलन, पाद प्रक्षालन एवं शास्त्र भेंट का सौभाग्य शांतिलाल, पारसकुमार, विनोदकुमार, राकेशकुमार मंगल जुनियां वालों ने प्राप्त किया। मीडिया प्रभारी रमेश जैन ने बताया कि मुनि आदित्य सागर महाराज की ग्रहस्थ माताजी में मुनि संघ के दर्शन के लिए पधारने पर समाज द्वारा अभिनंदन किया गया । चातुर्मास कमेटी के अध्यक्ष ओम मित्तल ने बताया कि रविवार्य विशेष प्रवचन के अंतर्गत दोपहर में मुनि श्री द्वारा पिता पर विशेष प्रवचन होगा । धर्म सभा का संचालन के.सी. जैन लाम्बा वालों ने किया।
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