केकड़ी जिले को हटाने पर वकीलों में आक्रोश, बड़ा आंदोलन का ऐलान
राज्य सरकार द्वारा केकडी जिले को खत्म करने के बाद अब क्षेत्र में तेजी से सरकार के इस फैसले का विरोध शुरू हो गया तथा विभिन्न सामाजिक व राजनैतिक संगठन खुलकर सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे है। केकडी जिले को रद्द करने के बाद सोमवार को जिला बार एसोसिएशन की साधारण सभा की बैठक आहूत की गई जिसमें कडे शब्दो में सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए सरकार के इस फैसले को जनविरोधी फैसला बताया तथा सरकार से केकडी को फिर से जिले का दर्जा देने की मांग रखी गयी। बैठक में सर्वसम्मति से केकडी जिले का दर्जा बहाल करने के लिए न्यायिक शरण लेते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने का फैसला लिया गया।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ मनोज आहूजा ने कहा कि सरकार ने जनता की भावनाओ की अनदेखी करते हुए केकडी जिले को हटाने का निर्णय लिया है जो क्षेत्र के विकास और प्रशासनिक सेवाओ के लिए हानिकारक साबित होगा। उन्होंने कहा कि इस फैसले से न केवल केकडी के विकास को झटका लगेगा बल्कि यहां के निवासियो को प्रशासनिक कार्यो के लिए भारी परेशानी का सामना करना पडेगा। उन्होंने कहा कि कडे शब्दो में सरकार के फैसले का विरोध करते हुए फिर केकडी को जिले का दर्जा देने की मांग की। बैठक में वरिष्ठ अधिवक्ता हेमन्त जैन, शैलेन्द्र सिंह राठौड, नीतिन जैन, आशुतोष शर्मा, सीताराम कुमावत सहित अन्य अधिवक्ताओ ने सरकार के इस फैसले को जनविरोधी बताते हुए कहा कि सरकार का ये कदम लोकतांत्रिक मूल्यो और जनभावनाओ के खिलाफ है तथा विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और प्रशासनिक सेवाओ के लिए ये फैसला विनाशकारी साबित होगा।
बैठक में सर्वसम्मति से केकडी जिले को फिर बहाल करने के लिए अन्य निरस्त हुए जिलो के बार एसोसिएशन का सहयोग लेकर उच्चतम न्यायालय में जनहित याचिका दायर का निर्णय लिया गया। साथ ही बैठक में 2 जनवरी को सरकार के फैसले के खिलाफ केकडी शहर मंे विशाल आक्रोश रैली निकालने तथा प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपने का निर्णय भी लिया गया। बैठक में सरकार द्वारा 28 दिसम्बर केकडी जिले को निरस्त करने के फैसले के कारण हर महीने की 28 तारीख को ब्लेक डे बनाने तथा न्यायिक कार्य के दौरान काली पट्टी बांधकर विरोध जााहिर करने का भी सर्वसम्मति से फैसला लिया गया व हर महीने की 28 तारीख को सरकार पत्र को भेजकर जिला बहाल करन की मांग रखी जायेगी। इसके अलावा केकडी जिले को बचाने के लिए 3 जनवरी से 10 दिन तक केकडी न्यायालय परिसर में सुबह 10 बजे से 12 तक सांकेतिक धरना शुरू किया जायेगा तथा आमजन व सामाजिक संगठनो से समर्थन हासिल कर आगे की रूपरेखा तैयार करते हुए आन्दोलन को और तेज करने का निर्णय बैठक में लिया गया। बैठक में बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष शिवप्रसाद पाराशर, महासचिव मुकेश शर्मा, कोषाध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह राठौड, पुस्तकालध्यक्ष इमदाद अली, वित सचिव रामेश्वर कुमावत, अधिवक्ता परवेज नकवी, हनुमान प्रसाद शर्मा, रामसिंह राठौड, निरंजन चौधरी, लोकेश शर्मा, अशफाक हुसैन, नवलकिशोर पारीक, सुरेन्द्र धन्नावत, कालूराम गुर्जर, खुशीराज चौधरी, शिवप्रकाश चौधरी, रोडूमल सोलंकी, हरिराम चौधरी, सुरेन्द्र सिंह कान्दलोत, भाावेश जैन, योगेश कोरवानी, पवन राठी आदि मौजूद थे।
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