बजट पर प्रतिक्रिया
जयपुर। केंद्रीय बजट 2025 पर प्रतिक्रिया देते हुए मीडिया AICC कोऑर्डिनेटर सुमेर सिंह चारण ने इसे ‘थोथा चना, बाजे घना’ वाली कहावत को चरितार्थ करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि सरकार ने मध्य वर्ग से टेक्स के रूप में लाखों-करोड़ों रुपये वसूले, लेकिन बदले में केवल 12 लाख रुपये की कर छूट देकर राहत का दिखावा किया गया है, जो नाकाफी है।
चारण ने बजट में महिलाओं के लिए किसी भी नई योजना या ठोस घोषणा के अभाव पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री स्वयं एक महिला होते हुए भी महिला सशक्तिकरण को लेकर कोई बड़ा फैसला नहीं ले पाईं। बढ़ती महंगाई के इस दौर में मनरेगा का बजट बढ़ाने की उम्मीद थी, लेकिन भाजपा सरकार ने इस पर कोई गंभीरता नहीं दिखाई।
बेरोजगार युवाओं को भी नहीं मिली राहत
चारण ने कहा कि इस बजट में युवाओं के लिए सरकारी नौकरियों की कोई योजना नहीं है, न ही भर्तियों के लिए कोई ठोस डाटा पेश किया गया। बेरोजगारी इतनी बढ़ चुकी है कि प्रोफेशनल कोर्स करने के बावजूद युवाओं को 10,000 रुपये की नौकरी मिलना भी मुश्किल हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार युवा विरोधी नीतियों पर चल रही है और रोजगार के अवसर पैदा करने के बजाय सिर्फ खोखले दावे कर रही है।
राजस्थान को किया गया नजरअंदाज
चारण ने कहा कि इस बजट में राजस्थान को पूरी तरह अनदेखा किया गया है। राज्य के लिए कोई नई महत्वपूर्ण योजना या विशेष पैकेज की घोषणा नहीं हुई। उन्होंने इसे प्रदेश के साथ अन्याय बताया और कहा कि यह बजट राजस्थान की जनता के लिए निराशाजनक साबित हुआ है।
"वर्तमान बजट समय के हिसाब से एक धोखा"
अंत में चारण ने कहा कि यह बजट एक धोखा है, जिसमें युवाओं, महिलाओं और किसानों को निराशा के अलावा कुछ नहीं मिला। उन्होंने सरकार से आम जनता के हित में ठोस नीतियां बनाने की मांग की।
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