केकड़ी नगर परिषद का दर्जा समाप्त, फिर बनी नगर पालिका, जिले का दर्जा छिनने के बाद अब जनता को दूसरा झटका
केकड़ी, 9 जुलाई- राज्य सरकार द्वारा जिले का दर्जा वापस लिए जाने के बाद अब केकड़ी नगरवासियों को एक और झटका लगा है। स्वायत्त शासन विभाग, राजस्थान सरकार, जयपुर द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार केकड़ी नगर परिषद को पुनः नगर पालिका में परिवर्तित कर दिया गया है।
राजस्थान नगरपालिका अधिनियम, 2009 की धारा 329 की उप-धारा (1)(ख) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह निर्णय लिया गया है। अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि हाल ही में बनाए गए नए जिलों में से प्रत्याहृत (वापस लिए गए) जिलों की नगर परिषदों का दर्जा घटाया जा रहा है, जिनमें केकड़ी सहित सांचौर, नीम का थाना और शाहपुरा (भीलवाड़ा) शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि केकड़ी को अगस्त 2023 को जिला बनाए जाने के साथ ही नगर परिषद का दर्जा मिला था। नगर परिषद की घोषणा के बाद आमजन में उत्साह था। लेकिन अब एक वर्ष के भीतर ही जिले की तरह परिषद का दर्जा भी समाप्त कर दिया गया है जिससे लोगों में निराशा व्याप्त है।
नगर परिषद का दर्जा हटने से केकड़ी में प्रशासनिक स्तर पर प्रभाव में कमी आएगी। वहीं शहरी विकास के लिए मिलने वाले बजट, योजनाएं, स्वीकृतियाँ और संसाधनों में भी कटौती होना तय माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे भविष्य में केकड़ी के विकास कार्यों की गति पर असर पड़ेगा। राजनीतिक हलकों में भी इस निर्णय को लेकर चर्चा तेज हो गई है।
क्या कहते हैं नागरिक?
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह फैसला जनता की भावनाओं और विकास की उम्मीदों के विपरीत है।
यह है अधिसूचना का अंश
क्रमांक प.10(न.पा.)(गठन) (क्रमोन्नत) डीएलबी / 24/ दिनांकित आदेश में उल्लेख किया गया है कि "प्रत्याहृत जिलों की अधिसूचना को निरस्त करते हुए नगर परिषदों का अवनयन कर पुनः नगर पालिकाओं में परिवर्तित किया जाता है। इससे पूर्व राज्य सरकार ने जिले की अधिसूचना को भी रद्द कर दिया था, जिससे केकड़ी पुनः अजमेर जिले का हिस्सा बन गया। अब यह दूसरी बार है जब सरकार के निर्णय से केकड़ी को पीछे धकेला गया है।
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