गौसेवा कर रही युवाओं की टोली, गौवंश को रोज खिला रहे 800 किलो मौसमी फल एवं हरी सब्जियां
केकड़ी - आज के आधुनिक युग में जहां एक तरफ युवा तरुणाई पर संवेदनहीन होने का प्रश्न चिह्न लगता जा रहा है, वही दूसरी तरफ आज भी केकड़ी क्षेत्र के कई युवा ऐसे है जो इस तकाजे को गलत साबित करते है। कुछ ऐसी ही पहल की है केकड़ी की एक युवा टोली ने, जो गत 28 अप्रेल से प्रतिदिन करीब 800 किलो मौसमी फल और हरी सब्जियां खरीदकर क्षेत्र की सभी गौशाला एवं पिकअप में गली-गली घूम-घूमकर बेजुबान जानवरों को खिला रहे है। वे अब तक करीब 16 टन हरी सब्जियां और मौसमी फल गौवंश को खिला चुके है।
इस दौरान बेसहारा पशु बोल तो नही पाए लेकिन उनके चेहरे के भाव देख इन युवा समाजसेवियों में एक-एक बेजुबानों तक सब्जी और फल पहुंचाने के एक नए प्रयास की राह जरूर खोल कर रख दी। इस अवसर पर युवा समाजसेवी आयुष जैन ने कहा कि भगवान ने मनुष्य को अपनी भावनाएँ, पीड़ाएँ, संवेदनाएँ व्यक्त करने के लिए वाणी प्रदान की है। परंतु ये बेजुबान और निर्दोष प्राणी अपनी आवश्यकता हमें शब्दों में नहीं बता सकते। अतः जिस तरह हम अपनी भूख-प्यास को मिटाने के लिए सतत प्रयत्नशील रहते हैं, उसी प्रकार इनके लिए उपयुक्त भोजन तथा पानी की व्यवस्था करके उनका पोषण और रक्षण करना हमारा दायित्व है। उन्होंने सभी से नि:स्वार्थ और परोपकार की भावना से युक्त होकर, अपनी क्षमता के अनुसार अपने आसपास पशु-पक्षियों के लिए भोजन-दाना-पानी की व्यवस्था करने की अपील की।
इस युवा टोली में आयुष जैन के साथ गौरव जैन, अंकित जैन, पीयूष जैन, टोनु जैन, ललित जैन, नितेश जैन, अर्पित जैन, शुभम जैन, हिमांशु जैन, मन्शु जैन एवं अक्षय जैन आदि शामिल रहे।
शहर की सड़कों व गलियों में सूखे चारे की तलाश में भटकने वाले गौवंश इन युवा सामाजिक कार्यकर्ताओं के प्रयास से हरी सब्जियां और फल खा रही है। ऐसे बेसहारा पशुओं के दर्द को शहर के इन युवा समाजसेवियों ने न केवल समझा बल्कि अपने योगदान से कुछ हद तक राहत भी पहुंचा रहे हैं। इन्होंने बेसहारा जानवरों के लिए यह कार्य कर यह एहसास दिलाया है कि समाज में मानवता अभी खत्म नही हुई है और आज भी समाज में इनके दर्द को महसूस करने वाले लोग मौजूद है।
बताया गया कि पिछले एक पखवाड़े से इन युवाओं द्वारा चलाए जा रहा यह जीव दया अभियान इस भीषण गर्मी में आगे भी जारी रहेगा। इस युवा टोली द्वारा शीघ्र ही पक्षियों के लिए 'परिंदों के लिए परिंडा' अभियान भी चलाया जाएगा। इस अवसर पर आसपास के सभी लोगों ने गौसेवा में लगे केकड़ी के इन युवाओं की इस पहल की सराहना की।





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