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केकड़ी जिले 21 बांधों में से 11 ने जलस्तर ने छुआ चरम,कुछ बांधों में जलस्तर चिंताजनक: गोविंद सागर में केवल 30% पानी

9 अगस्त 2024-केकड़ी जिले में इस साल की बारिश ने जिले के जलाशयों में एक नई जान डाल दी है। जिले के 21 प्रमुख बांधों में से 10 बांधों में पानी का स्तर इतना बढ़ गया है कि वे ओवरफ्लो हो गए हैं। वही एक बांध भराव क्षमता की ओर , तीन बांध 75% से ऊपर है। यह खबर किसानों और स्थानीय निवासियों के लिए राहत की सांस लाने वाली है, क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में जलस्तर में लगातार गिरावट देखी जा रही थी। विशेष रूप से टोडा के टोरड़ी सागर बांध की बात करें तो यह 28 साल बाद ओवरफ्लो हुआ है। टोरड़ी सागर बांध का 28 साल बाद इस तरह से भरना क्षेत्र में जल प्रबंधन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में देखा जा रहा है। यह बांध अच्छी बारिश और बहाव क्षेत्र में बने लगातार फ्लो के कारण छलक गया है।


जिले में सिंचाई विभाग के अंतर्गत आने वाले ये 21 बांध और जल स्रोत सिंचाई के प्रमुख साधन के रूप में काम करते हैं। इन जलाशयों के भरने से कृषि कार्यों में पर्याप्त पानी उपलब्ध होगा और आगामी फसलों के लिए यह काफी फायदेमंद साबित होगा। जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता डी के जैन ने बताया कि ओवरफ्लो होने वाले प्रमुख बांधों में पारा प्रथम, पारा द्वितीय, लसाड़िया, अजगरा, ताज सरोवर अरनिया, मदन सरोवर धानवा, शहोदरा, मान सागर जोताया, टोरड़ी सागर, घारेड़ा सागर, और अंबापुरा बांध शामिल हैं। इन बांधों की कुल भराव क्षमता विभिन्न स्तरों पर पूर्ण हो चुकी है, जिससे जिले में जल की कमी को दूर करने में बड़ी मदद मिली है।हालांकि, इस वर्ष की अच्छी बारिश के बावजूद जिले में कुछ बांधों में पानी की कमी भी चिंता का विषय बनी हुई है। गोविंद सागर बांध में केवल 30.14 प्रतिशत पानी आया है, जोकि सामान्य से काफी कम है। इसी तरह, झड़ झोड़ली तालाब में 39.06 प्रतिशत और सिंदूर सागर सरवाड़ में 32.65 प्रतिशत पानी आया है। इतने कम जलस्तर के कारण इन क्षेत्रों में जल संकट का खतरा बना हुआ है।


इसके अलावा, विजय सागर फतेहगढ़ बांध में 92.88 प्रतिशत, देह सागर बड़ली में 78.61 प्रतिशत, बसुंदनी बांध में 78.65 प्रतिशत, बांके सागर सरवाड़ बांध में 66.39 प्रतिशत, नाहर सागर पिपलाज बांध में 57.46 प्रतिशत, भगवंतिया तालाब सरवाड़ में 56.25 प्रतिशत, और गज सागर सरवाड़ में 44.44 प्रतिशत पानी दर्ज किया गया है। ये बांध भी अच्छी स्थिति में हैं और इनमें पर्याप्त जल संग्रह हुआ है, जिससे आने वाले महीनों में इन क्षेत्रों में जल संकट की कोई संभावना नहीं दिखती।

जिले के जलाशयों की वर्तमान स्थिति प्रशासन और स्थानीय निवासियों के लिए एक मिश्रित तस्वीर पेश कर रही है। जहां एक ओर कई बांधों में जलस्तर पूर्ण हो चुका है और ओवरफ्लो की स्थिति आ गई है, वहीं कुछ जलाशयों में पानी की कमी अभी भी एक चुनौती बनी हुई है। प्रशासन को इन जलाशयों की निगरानी पर विशेष ध्यान देना होगा और संभावित जल संकट से निपटने के लिए उचित कदम उठाने होंगे। कुल मिलाकर, इस साल की बारिश ने केकड़ी जिले में जलाशयों की स्थिति को बेहतर किया है, लेकिन कुछ बांधों में जल की कमी को लेकर सतर्क रहने की आवश्यकता है।

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