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जिला कलेक्टर श्वेता चौहान की त्वरित कार्रवाई से मंदिर भूमि अतिक्रमण से मुक्त

टोडारायसिंह, 25 अगस्त 2024: जिला कलेक्टर  श्वेता चौहान के निर्देश पर टोडारायसिंह में स्थित ठाकुर जी श्री सालिगराम जी महाराज के ऐतिहासिक मंदिर की भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करवाया गया। तीन दिनों के भीतर की गई इस त्वरित और सख्त कार्रवाई ने वैष्णव समाज को बड़ी राहत दी है और यह समाज के लिए एक महत्वपूर्ण जीत मानी जा रही है।


मामला तब प्रकाश में आया जब मंदिर के पुजारी रामनिवास वैष्णव, राजेन्द्र वैष्णव और वृजमोहन वैष्णव ने 22 अगस्त को जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर मंदिर भूमि पर एक समाज के कथित अतिक्रमण की शिकायत की। पुजारी परिवार ने जिला प्रशासन से त्वरित और निर्णायक कार्रवाई की मांग की थी, ताकि मंदिर की पवित्रता और सामाजिक संतुलन बनाए रखा जा सके।

जिला कलेक्टर के निर्देश पर, उपखंड अधिकारी टोडारायसिंह शिवराज मीणा ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मामले को गंभीरता से लिया। उन्होंने दोनों पक्षों के बीच वार्ता आयोजित की, जिसमें वस्तु स्थिति की गहराई से जानकारी ली गई और अंततः एक लिखित समझौता किया गया। इस समझौते के तहत एक समाज ने मंदिर भूमि पर से अपना कब्जा हटाया, जिससे वैष्णव समाज को न्याय मिला। 

इस पूरी प्रक्रिया में, वैष्णव समाज की ओर से ओम प्रकाश वैष्णव ने समाज की बात को मजबूती से प्रशासन के सामने रखा। उनकी प्रभावशाली प्रस्तुति और तर्कसंगत दृष्टिकोण ने एक समाज को भी अपने रुख में बदलाव लाने के लिए मजबूर कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप मंदिर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया जा सका।

मंदिर भूमि से अतिक्रमण हटने के बाद, पुजारी परिवार ने जिला कलेक्टर श्रीमती श्वेता चौहान का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "यह हमारे समाज और मंदिर के लिए एक बहुत बड़ी जीत है। जिला कलेक्टर महोदया की त्वरित कार्रवाई ने हमें न्याय दिलाया और हमारे मंदिर की पवित्रता को बचाया।"

प्रकरण का विवरण:

टोडारायसिंह में स्थित ठाकुर जी श्री सालिगराम जी महाराज का मंदिर, जो कि टोडारायसिंह नगरपालिका के पीछे स्थित है, वैष्णव परिवार के लिए अत्यधिक धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है। 18 अगस्त की रात को एक समाज के सदस्यों ने मंदिर पर अपने समाज का बोर्ड लगा दिया था, जिससे प्रार्थी परिवार व्यथित हो गया और उसने प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग की।

हालांकि, प्रारंभिक स्तर पर प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने के कारण, प्रार्थी परिवार को जिला कलेक्टर के पास जाने के लिए मजबूर होना पड़ा।  श्वेता चौहान ने मामले को गंभीरता से लेते हुए, अपने कुशल प्रशासनिक कौशल का परिचय दिया और महज तीन दिनों के भीतर मंदिर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करवाया।

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