राजसेस के तहत नए महाविद्यालय खोलने पर अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने व्यक्त किया गहन रोष
31 अगस्त: अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ राजस्थान (उच्च शिक्षा) ने मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा को एक पत्र लिखकर राज्य में नए महाविद्यालयों, विषयों और संकायों को राजसेस सोसाइटी के तहत खोलने के निर्णय पर कड़ी आपत्ति जताई है। महासंघ ने इस कदम को राज्य की उच्च शिक्षा के लिए हानिकारक बताया और इसे तत्काल प्रभाव से रोकने की माँग की है।
महासंघ के महामंत्री प्रो. सुशील कुमार बिसू ने बताया कि पूर्ववर्ती सरकार ने 2020 से 2023 के बीच 303 नए राजकीय महाविद्यालयों और संकायों को राजसेस सोसाइटी के तहत खोलकर राज्य की उच्च शिक्षा प्रणाली को संकट में डाल दिया था। उन्होंने कहा कि इस निर्णय ने न केवल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की मूल अवधारणा का उल्लंघन किया है, बल्कि इससे राज्य की उच्च शिक्षा को भी भारी नुकसान पहुंचा है।
उन्होंने बताया कि नई सरकार के गठन के समय संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी और इस निर्णय के दुष्परिणामों पर विस्तृत चर्चा की थी। मुख्यमंत्री ने मामले की गंभीरता को देखते हुए राजसेस के तहत खोले गए महाविद्यालयों के निर्णय की समीक्षा के लिए एक हाई पावर समिति का गठन किया था, जिसने जून 2024 में अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी।
संगठन के अध्यक्ष प्रो. दीपक कुमार शर्मा ने बताया कि 21 जून, 2024 को संगठन के अधिवेशन में मुख्यमंत्री ने राजसेस के तहत खोले गए महाविद्यालयों के संबंध में सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया था। इसके बावजूद, हाल ही में प्रसारित बीसीए और कंप्यूटर साइंस के पद और 30 अगस्त को जारी नए विषयों और संकायों के पदों को राजसेस के तहत संचालित करने के आदेशों से संगठन में निराशा व्याप्त है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार पिछली सरकार की कार्यप्रणाली पर ही चल रही है, जिससे उच्च शिक्षा जगत में हताशा फैल रही है।
महासंघ ने प्रारंभ से ही राजकीय महाविद्यालयों के सोसाइटी द्वारा संचालन का विरोध किया है। संगठन का मानना है कि यह निर्णय राज्य की उच्च शिक्षा को पतन की ओर धकेल रहा है। महासंघ ने मांग की है कि राजसेस सोसाइटी के तहत खोले गए महाविद्यालयों की समीक्षा के लिए गठित कमेटी की रिपोर्ट पर अविलंब निर्णय लिया जाए और इन महाविद्यालयों को राज्य-वित्तपोषित महाविद्यालय घोषित किया जाए।
महासंघ ने मुख्यमंत्री से इस मामले पर त्वरित और प्रभावी कदम उठाने की अपील की है, ताकि राज्य की उच्च शिक्षा को संरक्षित और संवर्धित किया जा सके।

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