Header Ads

test

महावीर जन्म वांचन एवं तपस्वियों की पच्चक्खाण शोभायात्रा के साथ केकड़ी में मना पर्युषण महापर्व

केकड़ी। श्री जैन श्वेतांबर तपागच्छ श्री संघ के तत्वाधान में, गुरुवर्या साध्वी सौम्य प्रभा श्री जी महाराज साहब आदि ठाणा चार की पावन निश्रा में पर्युषण महापर्व 2024 के पांचवें दिन महावीर स्वामी प्रभु का जन्म वांचन सुनाया गया। 

प्रातःकाल की शुरुआत 6:15 बजे श्री शीतलनाथ जिनालय में भक्तामर पाठ से हुई, इसके बाद मंदिर में स्नात्रपूजा का आयोजन किया गया। दोपहर में सब्जी मंडी स्थित ओसवाल संस्था में महावीर जन्म कल्याणक मनाया गया, जहां प्रभु के जन्म के दौरान माता त्रिशला के 14 स्वप्नों की बोली लगाई गई, और समाज के श्रावक-श्राविकाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। गुरुवर्या ने महावीर जन्म का वांचन सुनाया, जिससे संघ में खुशियों की लहर दौड़ गई। 


भगवान महावीर को प्रथम पालना झुलाने का सौभाग्य राजेंद्र कुमार और सुरेंद्र कुमार धूपिया को प्राप्त हुआ। भगवान की आरती और मंगल दीप के बाद, पालना यात्रा ओसवाल संस्था से चंद्र प्रभु मंदिर होते हुए लाभार्थी परिवार के निवास स्थान तक पहुंची। रात्रि में भक्ति कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया, जिसमें भीलवाड़ा से पधारे सुनील जैन ने भक्ति में समां बांधा। 


तपस्वियों की पच्चक्खाण शोभायात्रा

पर्युषण के सातवें दिन विशेष आयोजन के तहत 41 से अधिक अठाई तपस्वियों की पच्चक्खाण शोभायात्रा निकाली गई। तपस्वियों का सम्मान ताराचंद लाभचंद धूपिया परिवार द्वारा किया गया। शोभायात्रा सुबह 8:15 बजे इंदिरा कॉलोनी स्थित लाभार्थी परिवार के निवास से निकली। गुरुवर्या श्री की गुरु वंदना के बाद, तपस्वियों को तिलक, माला, और जय जिनेंद्र का दुपट्टा पहनाकर सम्मानित किया गया। इसके बाद जल-दूध से पद पक्षालन कर उनका बहुमान किया गया।


शोभायात्रा में सभी तपस्वियों को दोपहिया वाहनों पर बिठाकर ढोल-नगाड़ों के साथ इंदिरा कॉलोनी से सब्जी मंडी स्थित ओसवाल संस्था भवन तक लाया गया। यहां गुरुवर्या श्री ने धर्म उपदेश देते हुए सभी तपस्वियों को सातवें उपवास का पच्चक्खाण दिलाया।

No comments