इतिहास रचते हुए पहली बार सितंबर में खुले बीसलपुर बांध के गेट, 12,000 क्यूसेक पानी जारी
केकड़ी, 6 सितंबर 2024-बीसलपुर बांध के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है, जब 21 सालों में पहली बार सितंबर के महीने में इसके गेट खोले गए। जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत और टोंक जिला कलेक्टर डॉ. सौम्या झा की मौजूदगी में विधिवत पूजा-अर्चना के बाद, स्काडा सिस्टम से नियंत्रित इस प्रक्रिया ने इलाके में उत्सव जैसा माहौल पैदा कर दिया। ग्रामीणों ने ढोल-नगाड़ों के साथ अपनी खुशी का इज़हार किया, जबकि सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए गए हैं।
बांध से छोड़ा जा रहा पानी
बांध के दोनों गेट को एक-एक मीटर तक खोला गया, जिससे लगभग 12,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। पानी की सुरक्षित निकासी के लिए पुलिस, सिविल डिफेंस और गोताखोरों की टीम मौके पर तैनात है। यह बांध के इतिहास में 7वीं बार गेट खोले जाने का मौका है। इससे पहले 2004, 2006, 2014, 2016, 2019, और 2022 में गेट खोले गए थे।
पहली बार सितंबर माह में खुले गेट
इस साल विशेष बात यह है कि 21 सालों में पहली बार सितंबर के महीने में बांध के गेट खोले गए हैं, जबकि इससे पहले गेट केवल अगस्त महीने में ही खोले जाते थे।
बीसलपुर बांध का इतिहास
बीसलपुर बांध का शिलान्यास 1985 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर और सिंचाई मंत्री परसराम मदेरणा द्वारा किया गया था। बांध का निर्माण कार्य 1987 में शुरू हुआ और लगभग 16 वर्षों में पूरा हुआ।
बांध की क्षमता और सिंचाई व्यवस्था
बीसलपुर बांध की कुल भराव क्षमता 315.50 RL मीटर है और यह त्रिवेणी, बनास, गंभीरी, वागड़, बेड़च, मेनाल, कोठारी और खारी नदियों से पानी प्राप्त करता है। बांध की दो नहरों से लगभग 83,000 हेक्टेयर जमीन सिंचित होती है। दायीं नहर की लंबाई 51.70 किलोमीटर है जबकि बायीं नहर 18.65 किलोमीटर लंबी है।
2019 में खोले गए थे सभी 18 गेट
गौरतलब है कि 2019 में भारी वर्षा के कारण बांध के सभी 18 गेट खोले गए थे। वर्तमान में बांध में पानी की सतह नियंत्रण में है, जिससे इस बार केवल दो गेट खोले गए हैं।


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