केकड़ी में श्वेतांबर जैन समाज का पर्युषण महापर्व, तपस्या और भक्ति का अद्वितीय आयोजन
2 सितंबर 2024, केकड़ी- श्वेतांबर जैन समुदाय का महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व, पर्युषण केकड़ी के जैन श्वेतांबर तपागच्छ श्री संघ के तत्वाधान में और साध्वी श्री सौम्य प्रभा श्री जी महाराज साहब आदि ठाणा 4 की पावन उपस्थिति में मनाया जा रहा है। इस पर्व की शुरुआत गुरूवर्या श्री द्वारा श्रावक-श्राविकाओं को पांच कर्तव्यों की याद दिलाते हुए की गई, जिनमें अहिंसा का पालन, साधर्मिक भक्ति, परस्पर क्षमापना, अट्ठम तप, और चैत्य परिपाटी शामिल हैं। उन्होंने इन कर्तव्यों पर विस्तार से चर्चा की और श्रावकों को इनका पालन करने के लिए प्रेरित किया।
पर्युषण पर्व से पहले, 28 दिनों की श्री गौतम स्वामी लब्धि तप की आराधना कराई गई, जिसमें 28 तपस्वियों ने कठिन तपस्या की। इस तपस्या के दौरान एक दिन उपवास और दूसरे दिन बियासना करते हुए 28 दिन पूरे किए गए। इस महत्तवपूर्ण तपस्या में भाग लेने वालों में निहालचंद मेडतवाल, देवेंद्र सिंघवी, अतुल धूपिया, और अन्य श्रद्धालु शामिल थे, जिन्होंने इस तपस्या के माध्यम से जिनशासन की शोभा बढ़ाई।
तपस्या के अंतिम दिन, लाभार्थी परिवार राजेंद्र कुमार और सुरेंद्र कुमार धूपिया द्वारा सभी तपस्वियों का तिलक, माला, और पूजा वस्त्र के साथ सम्मान किया गया। इस अवसर पर श्री गौतम स्वामी पूजन का आयोजन भी किया गया, जिसमें संगीतकार संजय छाजेड़ और विधिकारक प्रवीण भाई द्वारा संगीतमय पूजन रचाया गया। पूजन के बाद, श्री गौतम स्वामी जी की मूर्ति और वासक्षेप कलश को धूपिया परिवार के निवास स्थान पर गाजे-बाजे के साथ जुलूस के रूप में पहुंचाया गया, जहां गुरूवर्या श्री ने स्थापना की और प्रवचन दिया।
इस महापर्व के लिएकेकड़ी के शीतलनाथ नवयुवक मंडल की अध्यक्षता में जिनालय की साफ-सफाई, सजावट, और अन्य धार्मिक आयोजनों की योजना बनाई गई। गुरूवर्या श्री की आज्ञा पर ओसवाल संस्था भवन में चलित जिनालय का निर्माण भी किया गया, जिसमें 24 तीर्थंकर भगवान की प्रतिमाएं और अन्य देवताओं की मूर्तियाँ विराजमान की गईं।
पर्युषण पर्व 2024 के अंतर्गत प्रतिदिन भक्तामर स्तोत्र, प्रभु स्नात्र पूजा, प्रवचन, धर्मचर्चा, और अन्य धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। नवयुवक मंडल द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में बच्चों और श्रावकों की भागीदारी देखी जा रही है। इन प्रतियोगिताओं में विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया जा रहा है, जिससे प्रतिभागियों का उत्साह बढ़ा है।
चातुर्मास संयोजक खेमचंद तातेड़ ने बताया कि इस पर्युषण पर्व के दौरान बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं तपस्या कर रही हैं और संपूर्ण चातुर्मास के दौरान अधिक से अधिक धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिससे समाज में धार्मिक चेतना और भी प्रबल हो सके।




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