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संस्कारों की कमी के कारण बच्चे तनावग्रस्त हो रहे हैं-भवदेव शास्त्री

केकड़ी, 18 सितंबर। आर्य समाज केकड़ी के शताब्दी समारोह के अवसर पर आयोजित संगीतमय श्री राम कथा के चतुर्थ दिवस पर कथा वाचक भवदेव शास्त्री ने राम वनवास प्रसंग की व्याख्या की। उन्होंने कहा कि मंथरा की बुरी संगत से कैकेई ने श्री राम को वनवास भेजने का निर्णय लिया, जिससे हमें यह सीख मिलती है कि जीवन में सुख-दुख, हानि-लाभ, मान-अपमान जैसे उतार-चढ़ाव आते हैं। इनसे घबराना नहीं चाहिए, बल्कि आत्मविश्वास और ईश्वर पर अटूट विश्वास के साथ इनका सामना करना चाहिए। 


भवदेव शास्त्री ने कथा श्रोताओं से कहा कि हमें जीवन के हर संकट में हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। जो व्यक्ति संसार में आया है, उसे जीवन में किसी न किसी प्रकार की समस्या का सामना करना ही पड़ता है। ऐसे में ईश्वर पर विश्वास और आत्मविश्वास से ही हम इन चुनौतियों का सामना कर सकते हैं। उन्होंने वर्तमान समय में बच्चों में तनाव की बढ़ती समस्या पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बच्चों में संस्कारों और आत्मविश्वास की कमी के कारण वे छोटी-छोटी बातों पर तनावग्रस्त हो जाते हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि हम बच्चों को आत्मविश्वासी और संस्कारी बनाएं।  


इस अवसर पर भागचंद आर्य, वरिष्ठ व्यायाम शिक्षक, ने बच्चों को संस्कार और शस्त्र विद्या का प्रशिक्षण दिया। सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक योग, प्राणायाम, जूडो-कराटे, सेल्फ डिफेंस, सूर्य नमस्कार और पिरामिड आसनों का अभ्यास करवाया जा रहा है।  अशोक आर्य, शताब्दी समारोह संयोजक, ने बताया कि 21 सितंबर को 100 कुंडी यज्ञ और धर्म सभा का आयोजन होगा, जिसमें आर्य जगत के अनेक विद्वान उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम में क्षेत्र के गणमान्य व्यक्ति, जैसे चिरंजी लाल सोनी, कपूर चंद सोनी, मूलचंद महावर, और अन्य का विशेष सहयोग रहा।

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