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पुष्कर निवासी कौशिक शर्मा ने 15वीं बार रक्तदान कर पेश की मानवता की मिसाल

पुष्कर के निवासी कौशिक शर्मा जो वर्तमान में पोस्ट मास्टर जनरल ऑफिस में कार्यरत हैं ने अपने मानवीय कर्तव्यों का पालन करते हुए 15वीं बार रक्तदान किया। 35 वर्षीय कौशिक का ब्लड ग्रुप AB नेगेटिव है जो दुनिया की कुल जनसंख्या का मात्र 0.5% है। इसके बावजूद उन्होंने कई लोगों की जान बचाने के लिए अपने दुर्लभ रक्त समूह का उपयोग किया है। अपने अनुभवों के बारे में बताते हुए कौशिक ने कहा हर बार जब मुझे रक्तदान करने का मौका मिलता है मुझे संतोष होता है कि मेरी छोटी सी कोशिश किसी की जिंदगी बचाने में मददगार हो सकती है। अब तक के अपने 15 रक्तदानों से उन्होंने समाज में एक प्रेरणा की मिसाल पेश की है। कौशिक शर्मा का रक्तदान विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि AB नेगेटिव ब्लड ग्रुप अत्यधिक दुर्लभ होता है और आवश्यकता के समय इसका मिलना कठिन हो सकता है। ऐसे में कौशिक जैसे लोग समाज के लिए एक प्रेरणा हैं जो नियमित रूप से रक्तदान करके कई लोगों की मदद कर रहे हैं।


इंसानियत की एक और अनूठी मिसाल तब सामने आई जब कौशिक शर्मा ने केकड़ी निवासी गोपाल लाल वैष्णव की जान बचाई जो डेंगू से पीड़ित थे और जिनकी प्लेटलेट्स की संख्या खतरनाक रूप से कम हो गई थी। गोपाल लाल का ब्लड ग्रुप भी AB नेगेटिव था और उनकी स्थिति अत्यधिक नाजुक थी। कौशिक ने बिना देरी किए आकर एसडीपी (सिंगल डोनर प्लेटलेट्स) दान की जिससे गोपाल लाल की स्थिति स्थिर हो सकी और उनकी जान बचाई जा सकी। यह कौशिक का 15वां रक्तदान था और इससे पहले उन्होंने 14 बार रक्तदान करके कई लोगों की जिंदगी बचाई है। कौशिक जैसे लोग समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं और उन्होंने सभी से अपील की है कि वे रक्तदान के प्रति जागरूक हों और इस नेक कार्य में अपना योगदान दें। इस समय, जब देश के विभिन्न हिस्सों में डेंगू और अन्य बीमारियों के चलते रक्त की मांग बढ़ी हुई है कौशिक शर्मा का यह कार्य इंसानियत के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है।



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