विकसित भारत 2047 विषयक राष्ट्रीय सेमीनार में किया सोढ़ी नें पत्र वाचन पुरासंपदा सरंक्षण सें होगा विकास
19 अक्टूबर 2024- दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार सकल्प से सिद्धी: विकसित भारत2047अवसर एवम् चुनौतियाँ का आयोजन, किशनगढ़, अजमेर में हुआ। इस अवसर पर सहायक आचार्य रणवीर सिंह सोढ़ी ने अपने वक्तव्य में विकसित भारत के लिए संकल्पित होने से पूर्व संकल्प के महत्त्व की उपयोगिता को समझानें की आवश्यकता है।
सोढ़ी ने बताया कि किसी भी देश के विकास में वहाँ की कला व संस्कृति की महत्वपूर्ण भूमिका होतीं है। इसी संदर्भ में भारत के विकसित होने के लिए हमे हमारी प्राचीन संपदाओं कों विश्वस्तरीय देखरेख और स्वच्छता पैमाने के अनुरूप संरक्षित कर वैश्विक पर्यटन कों आकृषित करने और आर्थिक समृद्धि को पर्यटन उद्योग के माध्यम से बढ़ाने की आवश्यकता है।भारत पुरा संपदाओ का भण्डार है, इनकें संरक्षण से विकास तय किया जा सकता है तथा प्राचीन तकनीकी कों अपना कर इन्हें मूलस्वरूप देकर नये आयाम खोले जा सकते है। वर्तमान में सरकार व जन सहयोंग से भित्ति चित्रों की रचनात्मकता में निरन्तर नये खोलें जा रहें है।यहीं कारण ही कि आज भारत के प्रत्येक शहर को सौन्दर्य करण की दृष्टि से अंलकृत कर सजाया जा रहा है।इससे रोज़गार के अवसर निर्धारित होगे।जो अंतर्राष्ट्रीय कला परिदृश्य पर भारत की एक स्थायी पहचान बनाने में सहायक होंगे।


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