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दौड़ और होड़ से नहीं, ध्येय और संकल्प से मिलती है सफलता- मुनि अनुपम सागर महाराज

संसार में चलते-चलते इतने थक गए की कोई मंजिल नहीं मिल रही है दौड़ के पीछे होड़ में लगे हुए हैं जब तक किसी भी कार्य के प्रति जीवन के प्रति लक्ष्य नहीं है तब तक कार्य सिद्धि की प्राप्ति नहीं हो सकती है । ध्येय एवं लक्ष्य तो रखना ही पड़ेगा, तभी जीवन में सच्चे साथी को प्राप्त कर सकते हैं और वही भवसागर से पार लगा सकते हैं । अपने मानव जीवन के स्वभाव के स्वरूप को नहीं समझ पाए धर्म और लक्ष्य के प्रति डांवाडोल हो रहे हैं । निज स्वार्थ के कारण दूसरों के प्रति दोषारोपण लगा देते हैं जबकि अपने किए हुए कर्म के प्रति दोषों से बचना चाहते हैं पिता अपनी संतान को नसीहत, वसीयत, हैसियत, काबिलियत देते हैं सज्जन पुरुष प्रण की रक्षा के प्रति अपने प्राण तक त्याग देते हैं । मीठी वाणी स्वयं को और पराए को भी अच्छी लगती है ।देवगांव गेट स्थित श्री पारसनाथ मंदिर संस्था भवन में सत्यार्थ बोध पावन वर्षा योग के अवसर पर आयोजित धर्म सभा में मुनि अनुपम सागर महाराज ने धर्मोपदेश में कहे। 


धर्म सभा में मुनि यतींद्र सागर महाराज ने कहा कि पुण्यहीन होने पर अपने द्वारा किए गए गलत कार्यों से कर्म याद आने लगते हैं इंसान सत्ता के अभिमान में सब कुछ भूल जाता है । किसी अपने पराये का ध्यान नहीं रख पाता है । शक्ति  का कभी दुरुपयोग नहीं करना चाहिए । किसी को हीन नहीं समझे।प्रातः जिनाभिषेक शांति धारा एवं पाठशाला के बालक बालिकाओं द्वारा मुनि ससंघ के सानिध्य में जिनेंद्र अर्चना की गई । समाज के प्रेम मित्तल ने बताया कि मध्यान्ह 1ः00 बजे मुनि ससंघ के सानिध्य में सकल जैन समाज द्वारा जनक जननी सम्मान समारोह हुआ। जिसमें 60 जोड़ो को संतान एवं सपरिवार सहित चरण वंदन एवं परिवार एवं माता-पिता के प्रति संस्कार के प्रति संकल्पित हुए । मीडिया प्रभारी रमेश जैन ने बताया कि आचार्य श्री के चित्र अनावरण दीप प्रज्वलन , पाद प्रक्षालन एवं शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य महावीर प्रसाद, सुशील कुमार, जयंत, दीपक जैन थांवला वालों एवं सुरेश कुमार विशाल, विकास गंगवाल परिवार ने प्राप्त किया ।


दिलीप जैन ने बताया कि जनक जननी कार्यक्रम हेतु श्री आदिनाथ मंदिर से चंद्र प्रभु चैत्यालय, श्री पारसनाथ मंदिर से आयोजन स्थल पाश्र्वनाथ संस्था भवन 60 जोड़ो सहित सकल जैन समाज बैंड बाजे जुलूस के साथ पहुंचे । आचार्य के चित्र अनावरण दीप प्रज्वलन , पाद प्रक्षालन एवं शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य पदमचंद जी जसवंत कुमार जी अशोक कुमार जी रांटा परिवार ने प्राप्त किया मंगलाचरण नीतू रांटा द्वारा किया गया एवं धर्म सभा का संचालन प्यारेलाल जैन द्वारा किया गया।


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