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केकड़ी के श्री चारभुजा मंदिर में भक्तों ने धूमधाम से मनाया श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह

 केकडी- पुरानी केकड़ी स्थित श्री चारभुजानाथ मंदिर में चल रही श्रीमद भागवत कथा में आज श्रीकृष्ण रुकमणी विवाह की कथा के दौरान भगवान की बारात धूमधाम से निकाली गई। व्यासपीठ पर विराजित कथाव्यास श्रीधाम वृंदावन के चन्द्र प्रकाश दीक्षित ने उपस्थित महिला पुरुषों को भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मिणी विवाह की पवित्र कथा का श्रवण करवाया। रुक्मिणी विवाह की कथा सुनते समय भक्तों का मन भक्ति भाव से भर गया। कथावाचक दीक्षित ने विस्तार से बताया कि कैसे रुक्मिणी जी ने भगवान श्रीकृष्ण को अपने स्वामी के रूप में चुना और उनके प्रति अटूट भक्ति भाव प्रकट किया। श्रीकृष्ण द्वारा रुक्मिणी को विदर्भ से ले जाकर विवाह करना और कंस से उनके भाई रुक्मी को परास्त करना इस विवाह की प्रमुख घटनाएं थीं, जिन्होंने भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया।


कथा के दौरान बालिकाओं ने भगवान श्री कृष्ण और रुकमणी के रूप में सुसज्जित होकर विवाह प्रसंग का अभिनय किया तो उपस्थित महिला पुरुष झूम उठे।कथा के प्रारंभ में भगवान श्री चारभुजा जी को दुन्हे के रूप से सजाकर पर बेवाण में विराजित किया गया और घंटाघर स्थित निर्मलेश्वर महादेव मंदिर से ठाकुरजी की बारात निकाली गई। ये बारात घंटाघर, सदर बाजार, खिड़की गेट, सरावगी मोहल्ला, लोढ़ा चौक, छीपा मोहल्ला, विजयवर्गीय मोहल्ला होते हुए कथा स्थल श्री चारभुजा मंदिर पहुँची।


श्री चारभुजा मंदिर कमेटी के पदेन अध्यक्ष तहसीलदार भोपाल सिंह मीणा ने घंटाघर निर्मलेश्वर महादेव मंदिर पहुँचकर श्री वेवाण में विराजित श्री चारभुजाजी के दर्शन किए और आरती की। इस मौके पर तहसीदार भोपाल सिंह का माल्यार्पण कर स्वागत अभिनंदन किया गया। ठाकुरजी की बारात के दौरान जगह जगह पुष्पवर्षा की गई और अनेक स्थानों पर आरती की गई। बारात में शामिल महिला पुरुषों ने जगह जगह नृत्य भी प्रस्तुत किया। बेंड बाजो के साथ निकली शाही बारात में शामिल कथा व्यास चंद्रप्रकाश दीक्षित का भी जगह जगह स्वागत किया गया। बारात में श्री चारभुजा मंदिर के पुजारी गण सहित काफी संख्या में महिला पुरुष मौजूद थे। शनिवार को कथा की पूर्णाहुति पर दोहर 12 बजे से 2 बजे तक कथा होगी उसके बाद हवन किया जाएगा।





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