गौ माता को 'राज्यमाता' का दर्जा दिलाने के लिए दिया गया ज्ञापन
केकड़ी- राजस्थान में देशी नस्ल की गायों को 'राज्यमाता' का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर केकड़ी में जिला कलेक्टर श्वेता चौहान को ज्ञापन सौंपा गया। इस ज्ञापन में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से अनुरोध किया गया कि महाराष्ट्र सरकार की तरह ही राजस्थान में भी गौ माता को 'राज्यमाता' का सम्मान प्रदान किया जाए। ज्ञापन में भारतीय संस्कृति में गाय की महत्ता और उसके संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया गया, साथ ही गौ माता के प्रति समाज में जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला गया।
ज्ञापन में महाराष्ट्र सरकार द्वारा गौ माता को 'राज्यमाता' का दर्जा दिए जाने के फैसले को एक सराहनीय कदम बताया गया जो हमारे सांस्कृतिक मूल्यों को मजबूत करता है। भारतीय समाज में गाय को मातृ रूप में पूजा जाता है, और इसे विभिन्न धार्मिक ग्रंथों में विशेष स्थान दिया गया है। गौ माता का दूध, गोबर और गोमूत्र धार्मिक, वैज्ञानिक और स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं। विशेषकर, देशी गाय के दूध में पाए जाने वाले प्रोटीन और अन्य औषधीय गुणों के बारे में वैज्ञानिक शोध भी इसे स्वास्थ्यवर्धक साबित करते हैं। ज्ञापन में देशी गायों की घटती संख्या पर चिंता व्यक्त की गई और सरकार से अनुरोध किया गया कि वे इनके संरक्षण के लिए विशेष कदम उठाएं। गाय के घी से हवन करने पर ऑक्सीजन उत्सर्जन होता है और इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही यह गायों को धन, शक्ति और मातृत्व का प्रतीक माना जाता है जो समाज में उनकी महत्ता को दर्शाता है।
बालाजी गोवंश हेल्पलाइन के सदस्यों ने आशा जताई कि सरकार इस ज्ञापन पर विचार करेगी और गौ माता को राज्य में 'राज्यमाता' का दर्जा प्रदान करने का ठोस कदम उठाएगी। इसके साथ ही उन्होंने समाज में गौमाता के संरक्षण और सेवा के प्रति जागरूकता फैलाने के प्रयासों को भी जारी रखने का संकल्प व्यक्त किया।यह ज्ञापन क्षेत्र की एक समाजसेवी संस्था बालाजी गोवंश हेल्पलाइन के सदस्यों द्वारा सौंपा गया जो अनाथ गोवंशों का निशुल्क उपचार कराने में सक्रिय है। इस अवसर पर बालाजी गौवंश हेल्पलाइन के केकड़ी जिला अध्यक्ष बिट्टू पारीक, भिनाय तहसील अध्यक्ष रामनारायण कुमावत, चेतन वैष्णव, बिट्टू शर्मा, जुगल वैष्णव, राज मेघवंशी, कैलाश माली, खुश राज वैष्णव और अन्य गौभक्त उपस्थित रहे।
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