सिविल न्यायाधीश केकड़ी ने भट्टा कॉलोनी संपत्ति विवाद में सुलेमान का दीवानी वाद खारिज किया
केकड़ी - भट्टा कॉलोनी निवासी सुलेमान ने न्यायालय में एक दीवानी वाद प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि उनकी स्वयं अर्जित और पुश्तैनी संपत्ति भट्टा कॉलोनी में स्थित है। उनके पिता स्वर्गीय आलम ने अपने जीवनकाल में ही पुत्रों सुलेमान, अलानुर और पुत्री की सहमति से मौखिक रूप से संपत्ति का बंटवारा कर दिया था और इसके अनुसार संपत्ति का कब्जा सुलेमान और उनके भाई को सौंप दिया था। सुलेमान ने अपने मकान का सम्पूर्ण निर्माण कार्य स्वयं करवाया था, जो उनकी अर्जित संपत्ति है, जिसका बापी पट्टा ग्राम पंचायत लसाडिया से 1960-61 में प्राप्त हुआ था। मौखिक बंटवारे में इसका हिस्सा उनके भाई अलानुर को दिया गया था, जबकि अन्य संपत्ति पर दोनों का संयुक्त कब्जा था।
वादी सुलेमान ने कहा कि उनके भाई अलानुर उन्हें संपत्ति के 1/2 हिस्से से जबरन बेदखल करने की कोशिश कर रहे हैं। इस पर मना करने पर अलानुर उनके और उनके परिवार के साथ झगड़ा करते हैं। सुलेमान ने मांग की कि अलानुर को स्थायी निषेधाज्ञा के माध्यम से इस संपत्ति के उपयोग, उपभोग और कब्जे में बाधा डालने से रोका जाए। अंतिम सुनवाई में प्रतिवादी अलानुर के वकील आसिफ हुसैन ने न्यायालय में विभिन्न तर्क प्रस्तुत किए, जिनसे सहमत होते हुए न्यायालय ने सुलेमान के दावे को असफल मानते हुए उनके वाद को खारिज करने का आदेश दिया।

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