जिसे मृत समझ श्मशान ले गए, वो चिता पर सांस लेने लगा: अस्पताल की लापरवाही का चौंकाने वाला मामला
झुंझुनूं: चिकित्सा तंत्र की लापरवाही का शर्मनाक मामला सामने आया है। बीडीके अस्पताल की आपातकालीन इकाई में एक जीवित व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया गया और मृत मानते हुए उसे डीप फ्रीजर में रख दिया गया। इसके बाद एक संस्था के लोग उसे दाह संस्कार के लिए श्मशान घाट ले गए। लेकिन जब व्यक्ति को चिता पर लेटाया गया तो उसकी सांसें चलने लगीं। जिसे चिकित्सकों ने मृत घोषित किया था वह अब उसी अस्पताल के आइसीयू में जिंदगी की जंग लड़ रहा है।
झुंझुनूं के राजकीय बीडीके अस्पताल की आपातकालीन इकाई में गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है, जहां एक जीवित व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया गया। इस घटना पर सख्त कार्रवाई करते हुए जिला कलक्टर रामावतार मीणा से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार ने तीन चिकित्सकों को निलंबित कर दिया है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त सचिव निशा मीना द्वारा जारी आदेश के अनुसार, बीडीके अस्पताल के पीएमओ डॉ. संदीप पचार, डॉ. योगेश कुमार जाखड़ (चिकित्सा अधिकारी, मेडिसिन), और डॉ. नवनीत मील (चिकित्सा अधिकारी) को राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम-1958 के नियम-13 के तहत निलंबित किया गया है।
निलंबन अवधि का मुख्यालय तय
डॉ. संदीप पचार (चर्मरोग विशेषज्ञ) का निलंबन मुख्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जैसलमेर रहेगा।
डॉ. योगेश कुमार जाखड़ (मेडिसिन) का निलंबन मुख्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, बाड़मेर रहेगा।
डॉ. नवनीत मील का निलंबन मुख्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जालौर रहेगा।
घटना की जांच जारी- घटना की गंभीरता को देखते हुए उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं। जिला प्रशासन और चिकित्सा विभाग ने यह सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए हैं कि भविष्य में ऐसी लापरवाही न हो।

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