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सकल जैन समाज द्वारा मुनि यतीन्द्र सागर महाराज का दीक्षा महोत्सव भक्ति पूर्वक मनाया गया

केकड़ी- किसी के प्रति गुरु के मुख से नाम निकल जाना वह व्यक्ति  बहुत पुण्यशाली होता है वासनाओं को मात्र परिवर्तित करके उसके प्रति लगाया हुआ राग समाधान नहीं कर पाते हैं । त्याग व्रत संयम धर्म का स्वरूप है इसके प्रति यदि आसक्ति  भावना है तो वह कभी भी धार्मिक कार्यक्रम में सौधर्म इन्द्र बनने का सौभाग्य प्राप्त कर सकता है । अपनी ढृढ़ इच्छा शक्ति  से संकल्पित होकर उत्तम मार्ग को पा लेता है । घंटाघर स्थित श्री आदिनाथ मंदिर में सत्यार्थ बोध पावन वर्षा योग के अष्टान्हिका पर्व पर आयोजित सिद्धचक्र महामंडल विधान के अंतर्गत मुनि यतींद्र सागर महाराज ने अपने धमोपदेश में कहीं ।


 धर्म सभा में मुनि अनुपम सागर महाराज ने कहा कि पूजन भक्ति  में द्रव्य तो खूब समर्पित कर दिए लेकिन समर्पित द्रव्य के प्रति भावना नहीं रखते हुए मात्र स्व सुख की प्राप्ति प्रयोजन कर लेते हैं । भक्ति  पूर्वक की गई पूजन भक्ति  आराधना मुक्ति  मार्ग का कारण बन जाता है । यदि जिनवाणी के जिन शब्दों को आत्मसात कर लेने  पर सिद्धता को पा सकते हैं। एक मात्र संकल्पित त्याग के द्वारा जीव मोक्ष पद को प्राप्त कर लेता है । भव्य जीव ही प्रभु के समोसारण एवं धार्मिक अनुष्ठान में बैठ पाता है । जीवन मधुमक्खी एवं मक्खी होती है जो की मधुमक्खी पुष्प के पराग ग्रहण करती है एवं मक्खी गंदगी मे ही अपना जीवन समझती है इसलिए मधुमक्खी की तरह जीने की प्रेरणा लेनी चाहिए । प्रातः जिनाभिषेक, शांति धारा, दैनिक जिनेन्द्र पूजन सहित मुनि ससंघ के सानिध्य में एवं पंडित मनोज शास्त्री एवं पंडित अंकित शास्त्री के निर्देशन में सुमधुर संगीत के साथ सिद्ध चक्र महामंडल विधान में 32 अर्घ फल सहित समर्पित किए गए ।मध्यान्ह में निर्माण से निर्माण दीक्षा महोत्सव मुनि यतीन्द्र सागर जी महाराज का मुनि अनुपम सागर महाराज के सानिध्य में सकल जैन समाज द्वारा भक्ति  पूर्वक मनाया गया । 


दीक्षा महोत्सव के अवसर पर मुनि के पाद प्रक्षालन करने का सोभाग्य श्री नेमिचन्द विमल सुभाष बघेरा वालों ने प्राप्त किया एवं शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य महावीर प्रसाद, माणक चंद, रमेश चंद, टीकमचंद, संत कुमार मित्तल रामथला परिवार ने प्राप्त किया । मुनि श्री को समाज के श्रेष्ठी श्रावक जनों द्वारा भी शास्त्र भेंट किया गया। इस अवसर पर आचार्य भक्ति एवं अष्ट द्रव्य से पूजन सभी महिला बालिका मंडल द्वारा, श्रावक श्रेष्ठीजन एवं समस्त युवा मंडल द्वारा अघ्र्य समर्पित किए गए । मीडिया प्रभारी रमेश जैन ने बताया कि शाम को आरती भक्ति  संगीत एवं स्वाध्याय सभा का कार्यक्रम संपन्न हुआ । दिलीप जैन ने बताया कि मुनि ससंघ के दर्शनार्थ एवं धार्मिक अनुष्ठान में अजमेर, नसीराबाद, अहमदाबाद, मालपुरा आदि स्थानों से पधारे श्रावक जनोें ने धर्म लाभ प्राप्त किया।

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