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झांसी की रानी की जयंती पर बालिकाओं ने प्रस्तुत की अद्भुत प्रतिभा

केकड़ी: पटेल आदर्श विद्या निकेतन उच्च माध्यमिक विद्यालय में 19 नवंबर को रानी लक्ष्मी बाई जयंती के अवसर पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि रामप्रसाद बैरवा और बालिका विभाग प्रभारी गीता प्रजापति ने रानी लक्ष्मी बाई के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलन कर किया। विद्यालय के प्रधानाचार्य रामेश्वर चौहान ने अतिथियों का स्वागत करते हुए रानी लक्ष्मी बाई की वीरता और साहस पर प्रकाश डाला।


इस अवसर पर आचार्या पार्वती साहू ने रानी लक्ष्मी बाई के जीवन परिचय को साझा करते हुए बताया कि उनका विवाह मात्र 14 वर्ष की आयु में झांसी के राजा गंगाधर राव से हुआ और वह "झांसी की रानी" के रूप में विख्यात हुईं। उन्होंने अंग्रेजों की गोद निषेध नीति का विरोध किया और अपने बेटे दामोदर राव को गोद लिया। उनकी वीरता का वर्णन करते हुए पार्वती साहू ने कार्यक्रम में प्रसिद्ध कविता "चमक उठी सन सतावन में वह तलवार पुरानी थी" भी सुनाई।कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने भी अपनी प्रस्तुतियों से रानी लक्ष्मी बाई के साहस को जीवंत किया। प्राची जैन और साक्षी धाकड़ ने अंग्रेजी भाषा में, जबकि सनिका सुले ने मराठी भाषा में उनके जीवन पर प्रकाश डाला। बहिन रिमझिम सिकलीगर ने झांसी की रानी का प्रभावशाली अभिनय प्रस्तुत कर दर्शकों की प्रशंसा प्राप्त की।


कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही गीता प्रजापति ने 1857 की क्रांति में रानी लक्ष्मी बाई के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि वह हर भारतीय के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। उन्होंने छात्राओं को उनके जीवन से प्रेरणा लेकर अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने का आह्वान किया।मुख्य अतिथि रामप्रसाद बैरवा ने अपने संबोधन में कहा कि महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा लेना हमारे लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने विद्यालय के अनुशासन और शिक्षण पद्धति की सराहना करते हुए विद्यालय परिवार का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन आचार्या अनीता शर्मा ने कुशलतापूर्वक किया और अंत में प्रधानाचार्य ने सभी अतिथियों, प्रतिभागियों और दर्शकों का आभार व्यक्त किया।


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