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नए साल में मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारी तेज

जयपुर। नए साल के साथ राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार की कवायद तेज हो गई है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल और प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में मौजूदा मंत्रियों के प्रदर्शन की समीक्षा और आगामी मंत्रिमंडल में बदलाव को लेकर चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार कई मंत्रियों को हटाने और नए चेहरों को शामिल करने की रणनीति पर मंथन किया गया है। राजस्थान में सियासी हलचल तेज हो गई है। भाजपा प्रदेश प्रभारी राधामोहन दास अग्रवाल जयपुर पहुंचे और संगठन एवं सरकार से जुड़े अहम मुद्दों पर बयान दिए। उन्होंने कहा कि पार्टी में नई टीम के गठन की प्रक्रिया जारी है। पुराने और नए कार्यकर्ताओं का संगम होगा जिससे संगठन को और मजबूती मिलेगी।


नए जिलों को लेकर बड़ा बयान

नए जिलों और संभागों को खत्म करने के फैसले पर अग्रवाल ने कहा कि यह निर्णय सोच-समझकर लिया गया है। उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री को राज्य की वित्तीय स्थिति का ध्यान था। पूर्ववर्ती सरकार ने बिना योजना के नए जिले बनाए थे। अब जहां विरोध हो रहा है, वह पूर्व मुख्यमंत्री के बनाए गए जिलों के खत्म होने से नाराज हैं।"

उप मुख्यमंत्री के जिले पर सफाई

उप मुख्यमंत्री का जिला खत्म करने को लेकर उन्होंने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री पूरे प्रदेश के होते हैं। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "कांग्रेस उन्हें केवल एक जिले तक सीमित रखना चाहती है, जबकि भाजपा की सोच व्यापक है।"

संगठन और मंत्रिमंडल में बदलाव पर बयान

अग्रवाल ने मंत्रिमंडल और संगठन में बदलाव को स्वाभाविक प्रक्रिया बताया। उन्होंने कहा कि यह समय-समय पर होता रहता है और इसका उद्देश्य पार्टी और सरकार को बेहतर बनाना है।

मदन राठौड़ ने दी प्रतिक्रिया

मंत्रिपरिषद फेरबदल को लेकर प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा, "यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है कि वह किसे मंत्री बनाएं। संगठन का इसमें कोई सीधा रोल नहीं है। चर्चाएं चलती रहती हैं, लेकिन अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री का होता है।"

नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने की तैयारी

भाजपा के इन बयानों से यह स्पष्ट है कि पार्टी सरकार और संगठन में नए चेहरे लाने के साथ-साथ पुराने अनुभवों का लाभ उठाने की तैयारी कर रही है। आने वाले दिनों में राजस्थान की राजनीति में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।


 नए चेहरों को शामिल कर पार्टी के आगामी एजेंडे और योजनाओं को गति देने की योजना बनाई जा रही है। यह विस्तार पार्टी के आगामी चुनावी एजेंडे को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है। तारीख को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की लेकिन संभावना है कि अगले कुछ दिनों में इसके संकेत मिल सकते हैं। इस बदलाव से सरकार की छवि को बेहतर करने और जनता के बीच पार्टी की पकड़ मजबूत करने का प्रयास किया जा रहा है।


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