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मंडी टैक्स के खिलाफ व्यापारियों की एकजुटता, जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा

केकड़ी, 2 दिसंबर 2024 — केकड़ी के दाल मिल व्यवसायियों ने मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के नाम जिला कलेक्टर श्वेता चौहान को ज्ञापन सौंपा है जिसमें अधिसूचना संख्या दिनांक 19 जुलाई 2024 में संशोधन की मांग की गई है। व्यापारियों का कहना है कि इस अधिसूचना के तहत राज्य के बाहर से दलहन लाने पर 1.6% मंडी टैक्स और 50 रुपये प्रति क्विंटल कृषक कल्याण फीस लगाई जा रही है जिससे उनके उद्योगों पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है।


ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि राजस्थान में दलहन की स्थानीय आपूर्ति पर्याप्त नहीं है जिसके कारण उन्हें अन्य राज्यों से कच्चा माल मंगवाना पड़ता है। इस अतिरिक्त टैक्स के कारण उत्पादन लागत में वृद्धि हो रही है जिससे उद्योगों की प्रतिस्पर्धात्मकता प्रभावित हो रही है और रोजगार के अवसरों पर भी असर पड़ रहा है।


व्यापारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'वन नेशन, वन टैक्स' के सिद्धांत का हवाला देते हुए राज्य सरकार से दलहन पर सभी प्रकार के टैक्स हटाने की मांग की है ताकि एग्रो इंडस्ट्रीज को बढ़ावा मिल सके और रोजगार के अवसर सृजित हों। यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो व्यापारियों ने 4 दिसंबर 2024 को एक दिन की सांकेतिक हड़ताल करने की चेतावनी दी है। उन्होंने यह भी संकेत दिया है कि उसी दिन शाम 4 बजे जयपुर में एक बैठक आयोजित कर आगे की रणनीति तय की जाएगी जिसमें कठोर कदम उठाए जा सकते हैं।ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि इस प्रकार का टैक्स देश के अन्य किसी भी राज्य में लागू नहीं है जिससे राजस्थान के दाल मिल उद्योगों की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।व्यापारियों ने उम्मीद जताई है कि राज्य सरकार उनकी मांगों पर सकारात्मक विचार करेगी,श जिससे प्रदेश में एग्रो इंडस्ट्रीज को प्रोत्साहन मिलेगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।


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