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अतिदुर्लभ एबी नेगेटिव रक्त देकर शिक्षक ने बचाई वृद्ध महिला की जान

केकड़ी। राजकीय जिला चिकित्सालय केकड़ी की आईसीयू में भर्ती भिनाय तहसील के बिलिया गांव निवासी वृद्ध महिला सुन्दर देवी गुर्जर को मण्डा विद्यालय के शिक्षक दिनेश कुमार वैष्णव ने अपना अतिदुर्लभ रक्त समूह एबी नेगेटिव ब्लड डोनेट कर जान बचाई। केकड़ी की रामगोपाल सैनी ने बताया कि बिलिया गांव की निवासी महिला सुन्दर देवी राजकीय जिला चिकित्सालय केकड़ी की गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती है, जिसे एबी नेगेटिव ब्लड की सख्त आवश्यकता थी। मगर उसके परिजनों द्वारा हरसंभव प्रयास किये जाने के बावजूद भी यह ब्लड कही भी उपलब्ध नही हो पा रहा था। तब रोगी के पौत्र रतनलाल गुर्जर ने फोन पर उनसे सम्पर्क किया और बताया कि मेरी दादी का ऑपरेशन होना है और उसका हीमोग्लोबिन का स्तर बहुत कम आ रहा है, जिससे ऑपरेशन के दौरान एबी नेगेटिव रक्त की सख्त आवश्यकता है। उन्होंने अपने स्तर पर खूब प्रयास किया पर एबी नेगेटिव ब्लड नही मिल पाया। ऐसे में गत तीन दिनों से वे काफी परेशान है। 


 एबी नेगेटिव ब्लड की सूचना पर निकटवर्ती गांव मण्डा के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत केकड़ी निवासी शिक्षक दिनेश कुमार वैष्णव जीवनदाता के रूप में उभर कर सामने आए और उन्होंने अपना एबी नेगेटिव ब्लड होने की जानकारी देते हुए ब्लड डोनेट करने की भी सहमति प्रदान की। तब वैष्णव ने शुक्रवार को केकडी के राजकीय जिला चिकित्सालय के ब्लड बैंक में पहुंचकर अपना बहुत ही रेयर एबी नेगेटिव ब्लड बिलिया निवासी महिला सुन्दर देवी के लिए डोनेट किया। शिक्षक दिनेश कुमार वैष्णव अब तक ग्यारह बार रक्तदान कर चुके है। वैष्णव के जज्बे की रक्तकोष विभाग की टीम ने भरपूर सराहना की व रोगी के परिजनों ने भी भाव-विभोर होकर रक्तदाता शिक्षक वैष्णव का हृदय से आभार व्यक्त किया। 


इस दौरान रक्तकोष विभाग के विनोद साहू, लैब टेक्नीशियन पदम जैन, शिक्षक ऋषिराज सोनी एवं रतन लाल गुर्जर सहित रोगी के परिवारजन व ब्लड बैंक स्टाफ उपस्थित रहा। गौरतलब है कि दुनिया में ए, बी, एबी और ओ ग्रुप में पॉजिटिव व नेगेटिव मिलाकर कुल 8 तरह के ब्लड ग्रुप होते हैं। इनमें से सबसे रेयर ग्रुप एबी नेगेटिव है। माना जाता है कि कुल जनसंख्या के 5 प्रतिशत लोग एबी ब्लड ग्रुप वाले होते हैं, इनमें से भी नेगेटिव ग्रुप वाले 0.5 प्रतिशत ही होते हैं।


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