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बजट 2025: बीजेपी ने कहा मिली सौगातें, लेकिन कांग्रेस ने बताया छलावा

केकड़ी, राजस्थान: राजस्थान की वित्त मंत्री दीया कुमारी ने भजनलाल शर्मा सरकार का दूसरा पूर्ण बजट पेश किया। इस बजट में युवाओं, किसानों, महिलाओं और व्यापारियों के लिए कई घोषणाएं की गईं। केकड़ी क्षेत्र को भी इस बजट में विशेष सौगातें मिलीं, लेकिन विपक्ष ने इसे महज "आश्वासनों का पुलिंदा" बताया।


केकड़ी को मिली सौगातें

फोरलेन सड़क व रोडवेज बस स्टैंड के लिए बजट आवंटन।

नए औद्योगिक क्षेत्र की घोषणा, जिससे स्थानीय व्यापारियों को लाभ मिलेगा।

सावित्री बाई फुले छात्रावास एवं बालिका छात्रावास की स्थापना।

बीजेपी ने बजट को बताया "विकासोन्मुखी"

केकड़ी पंचायत समिति के प्रधान होनहार सिंह राठौड़ ने बजट का समर्थन करते हुए कहा:" राजस्थान सरकार का यह बजट गांव, गरीब, किसान, महिला, युवा और व्यापारी के विकास को समर्पित है। इससे सड़कें बेहतर होंगी, शिक्षा और स्वास्थ्य को मजबूती मिलेगी और किसान सम्मान निधि में बढ़ोतरी से किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। यह बजट राजस्थान के समग्र विकास को गति देगा। हम मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और वित्त मंत्री दीया कुमारी का आभार व्यक्त करते हैं।"

कांग्रेस ने किया विरोध, बजट को बताया 'जनता के साथ छलावा'

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के मीडिया कोर्डिनेटर एवं पूर्व प्रवक्ता सुमेर सिंह चारण ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा: जिला हटाने के बाद क्षेत्रवासियों की उम्मीदें थी कि कुछ सौगात मिलेगी। केकड़ी को लेकिन यह बजट महलों में बैठकर तैयार किया गया है, जिसमें किसानों, बेरोजगारों और आम जनता के लिए कुछ भी नहीं है। भाजपा सरकार ने 100 यूनिट मुफ्त बिजली की योजना को बदलकर सोलर पैनल की शर्त जोड़ दी, जो जनता को मूर्ख बनाने जैसा है।" उन्होंने पिछली घोषणाओं का जिक्र करते हुए कहा कि "पिछले बजट की कई परियोजनाएं अभी तक धरातल पर नहीं आई हैं, केकड़ी सहित कई जिलों की जनता को इस बजट से भी सिर्फ निराशा ही हाथ लगी है।"

जनता की नजरें सरकार पर

बजट में कई बड़े ऐलान किए गए हैं, लेकिन सवाल यह है कि ये घोषणाएं कितनी हकीकत में बदलेंगी। केकड़ी के कई नागरिकों को उम्मीद थी कि इस बजट में क्षेत्र को जिला बनने से वंचित रहने की भरपाई के रूप में कुछ विशेष सौगातें मिलेंगी। लेकिन इस पर कुछ लोगों ने बताया कि "हमें उम्मीद थी कि बजट में केकड़ी के लिए कोई बड़ा प्रोजेक्ट आएगा, जिससे जिला न बनने की कमी पूरी हो सके। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। कुल मिलाकर, केकड़ी के नागरिकों की मिली-जुली प्रतिक्रिया रही। कुछ घोषणाओं से संतोष है, लेकिन ज़िले का दर्जा न मिलने और बुनियादी विकास की गति धीमी होने से निराशा भी बनी हुई है।


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