केकड़ी नगर परिषद की बैठक में हंगामा: करोड़ों का बजट पास, विकास कार्यों में देरी पर पार्षदों का आक्रोश, भूखंड नीलामी और जिले की मांग पर गरमाई राजनीति!
केकड़ी - नगर परिषद केकड़ी की बजट बैठक नगर परिषद सभागार में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता सभापति कमलेश साहू और आयुक्त मनोज कुमार मीणा ने की। बैठक में नगर के विकास और विभिन्न महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर विचार-विमर्श किया गया। नगर परिषद केकड़ी की साधारण सभा की बैठक शुक्रवार को भारी हंगामे के बीच संपन्न हुई। बैठक में 144.26 करोड़ रुपए का बजट सर्वसम्मति से पारित किया गया, लेकिन विपक्षी पार्षदों ने विभिन्न मुद्दों को लेकर जमकर विरोध किया। बैठक के दौरान कांग्रेस और भाजपा के पार्षदों में तीखी नोकझोंक हुई, वहीं कांग्रेस पार्षदों ने अपने ही सभापति कमलेश साहू पर गंभीर आरोप लगाते हुए सवालों की झड़ी लगा दी।
विकास कार्यों में लापरवाही पर भड़के पार्षद
पिछले बजट में प्रस्तावित कई विकास कार्य अब तक नहीं होने पर विपक्षी पार्षदों ने प्रशासन पर निशाना साधा। प्रतिपक्ष के नेता राजेंद्र चौधरी ने बिना वर्क ऑर्डर के ही कुछ वार्डों में काम करवाए जाने पर कड़ा विरोध जताया और इसे नियमों के खिलाफ बताया।
परिषद में बने क्वार्टरों पर भी उठा विवाद
नगर परिषद द्वारा बनाए गए क्वार्टरों में अन्य विभागीय कर्मचारियों को रखने के फैसले का पार्षद नवल दाधीच ने जमकर विरोध किया गया। पार्षद विनोद कुमार आचार्य ने आरोप लगाया कि परिषद उनके वार्ड हितों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
भूखंडों की नीलामी पर हुआ बहिष्कार
बैठक में भूखंडों और दुकानों की नीलामी का प्रस्ताव भी पेश किया गया, जिसे लेकर पार्षद आसिफ हुसैन ने आपत्ति जताई। उन्होंने नगर परिषद से यह जानकारी मांगी कि किन भूखंडों की नीलामी की जाएगी। संतोषजनक जवाब न मिलने पर उन्होंने बैठक का बहिष्कार कर दिया और नीलामी के प्रस्ताव का विरोध किया।
केकड़ी जिले की मांग पर कांग्रेस पार्षदों ने किया हंगामा
बैठक के दौरान कांग्रेस पार्षदों ने केकड़ी को जिला बनाए जाने के मुद्दे पर भाजपा पार्षदों से समर्थन मांगा, लेकिन भाजपा पार्षद इस मुद्दे पर चुप्पी साधे रहे। इससे नाराज होकर कांग्रेस पार्षदों ने जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी।
पार्षद लोकेश साहू और सुरेश साहू ने अपने वार्ड की समस्याओं पर उठाई आवाज
बैठक में पार्षद लोकेश साहू और सुरेश साहू ने अपने वार्ड की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि वार्ड में जलभराव की समस्या विकराल बनी हुई है, जिससे स्थानीय निवासियों को काफी परेशानी हो रही है। इसके अलावा नालियों की सफाई और मरम्मत की मांग करते हुए उन्होंने प्रशासन से जल्द समाधान करने की अपील की।
हंगामे के बीच पारित हुआ करोड़ों का बजट
भारी हंगामे और तीखी बहस के बावजूद अंततः 144.26 करोड़ रुपये के बजट और नगर परिषद के भूखंडों को बेचने के प्रस्ताव को पारित कर दिया गया। बैठक में नगर के विकास, भूखंडों की नीलामी, औद्योगिक भूमि आवंटन, खेल मैदान के लिए भूमि देने सहित कई प्रस्तावों पर भी चर्चा की गई।
बैठक में निम्नलिखित प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई:
1. रिको (राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास निगम) को भूमि आवंटन – औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए प्राप्त प्रार्थना पत्रों पर विचार किया गया।
2. शहर के विभिन्न वार्डों में विकास कार्य – वार्डों में आवश्यक सुविधाओं और ढांचागत विकास को लेकर प्रस्ताव पारित किए गए।
3. भूखंडों और दुकानों की नीलामी – नगर परिषद के अधीन आवासीय और व्यावसायिक भूखंडों, बिखरे भूखंडों एवं निर्मित दुकानों की नीलामी पर विचार किया गया।
4. पूर्व स्वीकृत प्रस्ताव संख्या 01 (दिनांक 20.07.2024) का निरस्तीकरण – उक्त प्रस्ताव को रद्द कर, चारभुजा मंदिर स्थित महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय को खेल मैदान हेतु 2 बीघा भूमि आवंटन पर का निर्णय।
5. श्री मिश्रीलाल दूबे मेमोरियल संस्थान को भूमि आवंटन – संस्थान की भूमि आवंटन की मांग पर चर्चा की गई।
क्या बोले नगर परिषद सभापति?
सभापति कमलेश साहू ने बैठक के बाद कहा कि नगर के समुचित विकास के लिए बजट पारित किया गया है और सभी वार्डों में समान रूप से कार्य होंगे। उन्होंने विपक्ष के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि नगर हित में सभी फैसले पारदर्शिता के साथ लिए जा रहे हैं।
बैठक में नगर परिषद आयुक्त मनोज कुमार मीणा, सभी पार्षद, अधिकारी एवं नगर के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। हालांकि, बैठक के दौरान हुए हंगामे से यह स्पष्ट हो गया कि नगर विकास की योजनाओं पर राजनीतिक टकराव जारी रहेगा।


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