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शोध से शिक्षा तक: विद्या भारती के योगदान पर डॉ. सोनी का महत्वपूर्ण अध्ययन

केकड़ी- शहर के प्रतिष्ठित शोधार्थी डॉ. रामबाबू सोनी ने भारतीय शिक्षा व्यवस्था में विद्या भारती के योगदान पर अपने शोध को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। यह शोध, जो पिछले पांच वर्षों से जारी था, विद्या भारती के शिक्षा के क्षेत्र में किए गए महत्वपूर्ण कार्यों और उनके प्रभावों पर आधारित है। डॉ. सोनी ने अपने मार्गदर्शक डॉ. वेद प्रकाश शर्मा जो पूर्व अध्यक्ष शोध छात्रसंघ राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर एवं ख्यातिप्राप्त शिक्षाविद हैं का विशेष आभार व्यक्त किया। डॉ. शर्मा के सहयोग और मार्गदर्शन को डॉ. सोनी ने अपने शोध की सफलता का प्रमुख कारण बताया। उन्होंने कहा डॉ. शर्मा का निरंतर सहयोग और प्रेरणा ही थी जिसने मुझे इस विषय पर गहराई से काम करने के लिए प्रेरित किया।


शोध कार्य के अंतिम चरण में वाइवा कमेटी की सदस्य डॉ. कविता शर्मा और एक्सटर्नल एग्जामिनर डॉ. वसुंधरा राज का सहयोग भी अत्यंत महत्वपूर्ण रहा। इन दोनों विद्वानों ने शोध की समीक्षा करते हुए डॉ. सोनी को डिग्री अवार्ड हेतु अंतरिम रूप से चयनित किया।डॉ. सोनी ने कहा डॉ. कविता शर्मा और डॉ. वसुंधरा राज की सराहना और मार्गदर्शन ने मुझे अपने शोध को और अधिक निखारने में मदद की। उनका समय और सुझाव मेरे लिए अनमोल थे। डॉ. रामबाबू सोनी की इस उपलब्धि पर केकड़ी के शिक्षाविदों और स्थानीय निवासियों में उत्साह का माहौल है। उनके शोध को विद्या भारती की शिक्षा प्रणाली और उसकी प्रभावशीलता पर एक महत्वपूर्ण दस्तावेज माना जा रहा है। शोध के मुख्य बिंदु विद्या भारती द्वारा संचालित विद्यालयों की शैक्षिक गुणवत्ता, नैतिक शिक्षा, और उनकी शिक्षण प्रणाली की अन्य संस्थानों से तुलना पर आधारित हैं। डॉ. सोनी का यह शोध न केवल शिक्षाविदों के लिए बल्कि शिक्षा नीति निर्धारकों के लिए भी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। डॉ. सोनी ने बताया कि वह अपने शोध के निष्कर्षों को एक पुस्तक के रूप में प्रकाशित करने की योजना बना रहे हैं जिससे अधिक से अधिक लोग विद्या भारती की शिक्षा प्रणाली के प्रभाव को समझ सकें। उन्होंने कहा मेरा उद्देश्य केवल डिग्री प्राप्त करना नहीं था बल्कि भारतीय शिक्षा प्रणाली को और अधिक मजबूत और सशक्त बनाने में अपना योगदान देना है।



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