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केकड़ी छात्रावास का वीआईपी क्वार्टर: न पदस्थ, न परिवार, फिर भी ताला जड़कर आरक्षित

केकड़ी, 27 मार्च 2025 - केकड़ी के अजमेर रोड पर स्थित सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के छात्रावास में एक क्वार्टर पर कुछ महीनो से लगे ताले को लेकर अब विवाद खुलकर सामने आ गया है। छात्रावास में 65 से अधिक विद्यार्थी रह रहे हैं, लेकिन परिसर का एक महत्वपूर्ण क्वार्टर लंबे समय से उपयोग में नहीं आ रहा उस पर अब भी पूर्व छात्रावास अधीक्षक अल्ताफ हुसैन का कब्जा बना हुआ है जो अब यहां पदस्थ नहीं हैं।


केकड़ी के अजमेर रोड स्थित सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग के छात्रावास में इन दिनों एक क्वार्टर पर लगे ताले को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। छात्रावास में वर्तमान में करीब 65 विद्यार्थी निवास कर रहे हैं, और परिसर में बने एक सरकारी क्वार्टर का गेट अजमेर रोड पर खुलता है, जिस पर लंबे समय से ताला लगा हुआ है। यह क्वार्टर पहले छात्रावास अधीक्षक के उपयोग में आता था।

सूत्रों के अनुसार यह क्वार्टर अल्ताफ हुसैन के कब्जे में है जो पूर्व में छात्रावास अधीक्षक के रूप में कार्यरत रह चुके हैं। अल्ताफ हुसैन का प्रमोशन अक्टूबर 2023 में ब्लॉक सामाजिक सुरक्षा अधिकारी (SSO) के पद पर हो चुका था। इसके बावजूद फरवरी, मार्च और अप्रैल तक उन्होंने छात्रावास का अतिरिक्त प्रभार संभाला, परंतु जुलाई 2024 में यह चार्ज किसी अन्य वार्डन को सौंप दिया गया। नए वार्डन द्वारा कई बार क्वार्टर खाली करने के लिए निवेदन किया गया, लेकिन अल्ताफ हुसैन ने क्वार्टर को खाली नहीं किया। इस बीच जनवरी 2025 में उनका ट्रांसफर केकड़ी से मासलपुर (जिला करौली) और फिर कुछ दिन बाद श्रीनगर (जिला अजमेर) कर दिया गया। वर्तमान में वह श्रीनगर में कार्यरत हैं और उनका परिवार भी अब केकड़ी में नहीं रह रहा है।


इस मामले पर जब इंडिया अपडेट न्यूज़ की टीम ने अल्ताफ हुसैन से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि ट्रांसफर होने के बाद 6 महीने तक का समय मिलता है। मैंने अभी मकान किराया नहीं लिया है, इसलिए जब तक कोई स्थायी व्यवस्था नहीं हो जाती मैं डॉरमेट्री हॉल में रह रहा हूं, ना कि क्वार्टर में। अगर श्रीनगर में मकान मिल गया तो खाली कर दूंगा। वहीं विभाग के कई अधिकारियों और कर्मचारियों का कहना है कि यह क्वार्टर अब अल्ताफ हुसैन के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता और उन्होंने इसे अनाधिकृत रूप से कब्जा कर रखा है। जिस क्वार्टर पर ताला लगा हुआ है वहां अब तक रंग-रोगन नहीं हो पाया है जबकि छात्रावास के अन्य हिस्सों में रंग-रोगन का कार्य पूरा हो चुका है। जब दूरभाष पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग अजमेर के जिला अधिकारी जयप्रकाश चारण से इस संबंध में प्रतिक्रिया मांगी तो उन्होंने अल्ताफ हुसैन की पैरवी करते हुए कहा हां, अभी वे रह सकते हैं। उनका अधिकार बनता है।

बड़ा सवाल यह है की

जब अल्ताफ हुसैन अब केकड़ी में पदस्थ नहीं हैं न ही उनका परिवार यहां है तो किस अधिकार से उन्होंने क्वार्टर को ताले में बंद रखा है? क्या विभाग ने इस अनधिकृत कब्जे पर कोई कार्रवाई की है? क्या छात्रावास जैसे संवेदनशील परिसर में ऐसी स्थिति विद्यार्थियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए उचित है? इस मामले को लेकर छात्रावास के अभिभावकों और स्थानीय नागरिकों में भी नाराजगी है। अब देखना होगा कि विभागीय अधिकारी इस पर क्या कदम उठाते हैं।


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