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राग से होता है पाप बंध, अनुराग से मिलती है आत्मा को मुक्ति - स्वस्तिभूषण माताजी

केकड़ी- श्री नेमिनाथ जैन मंदिर के समीप स्थित शिवम वाटिका में आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में गणिनी आर्यिका स्वस्तिभूषण माताजी ने अपने प्रवचनों में कहा कि राग, पाप बंध का कारण बनता है जबकि अनुराग आत्मा को परमात्मा से मिलाने का माध्यम बनता है। उन्होंने कहा कि हम अपने पुत्र, पत्नी, माता-पिता और परिवार से असीम राग करते हैं, उनके लिए दिन-रात मेहनत करते हैं, यहाँ तक कि कई बार गलत कार्य कर धन अर्जित करते हैं ताकि वे सुखी रहें। यही राग हमें पाप के बंधन में बांधता है और नरक के मार्ग पर ले जाता है।


उन्होंने आगे कहा कि यदि इसी राग को हम अनुराग में परिवर्तित कर अपने गुरु, ईश्वर और भगवान से जोड़ें, तो हमारा भवसागर पार करना निश्चित है। उन्होंने विशेष रूप से भगवान महावीर के प्रति अनुराग रखने का आह्वान किया।

धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन
कार्यक्रम की शुरुआत प्रातः जिनाभिषेक, शांतिधारा, जिनेन्द्र अर्चना एवं अन्य धार्मिक क्रियाओं से हुई, जो आर्यिका माताजी ससंघ के पावन सानिध्य में संपन्न हुई। शांतिधारा का सौभाग्य पारस मल महावीर प्रसाद (बघेरा) व ओमप्रकाश गोविंद कुमार राजकुमार (सदारा) परिवार को प्राप्त हुआ।


भगवान महावीर व आचार्यों के चित्रों के अनावरण, दीप प्रज्वलन एवं आर्यिका माताजी के पाद प्रक्षालन का सौभाग्य भाग चंद विनय कुमार जैन कुमार सावर वालों ने किया है ।वहीं शास्त्र भेंट शुभकामना परिवार के सिद्ध ग्रुप द्वारा की गई।

प्रियंका दीदी ने की आनंद यात्रा
आर्यिका माताजी के सानिध्य में प्रियंका दीदी ने आनंद यात्रा सम्पन्न की, जो श्रद्धालुओं के लिए एक प्रेरणादायक अनुभव रहा।

मुनिसुव्रतनाथ भगवान की लाइव शांतिधारा
समाज अध्यक्ष ज्ञानचंद जैन (ज्वैलर्स) व मंत्री कैलाश चंद जैन (मावा वालों) ने बताया कि मंदिर में विराजित अतिशयकारी, मनवांछित फलदाता एवं कष्ट निवारक भगवान मुनिसुव्रतनाथ की शांतिधारा आर्यिका माताजी के मुखारविंद से संपन्न हुई, जिसका लाइव प्रसारण भी किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन कपिल शास्त्री ने किया।

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