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अधिवक्ताओं ने मनाया ब्लैक डे, न्यायिक कार्य का बहिष्कार कर मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

केकड़ी जिले को रद्द करने की मासिक बरसी पर मंगलवार को बार एसोसिएशन केकड़ी के बैनर तले अधिवक्ताओं ने ब्लैक डे मनाकर विरोध जताया। इस मौके पर अधिवक्ताओं ने कोर्ट परिसर में काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया और न्यायिक कार्य का पूर्ण बहिष्कार करते हुए उपखंड अधिकारी दीपांशु सांगवान को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर बार अध्यक्ष मनोज आहूजा ने कहा कि केकड़ी को जिला बनाए जाने से क्षेत्र में प्रशासनिक सुगमता, विकास और न्यायिक व्यवस्था में सुधार हुआ था, लेकिन सरकार के इस निर्णय ने क्षेत्र की जनता के साथ अन्याय किया है। 


बार एसोसिएशन सदस्य राजेंद्र अग्रवाल, सलीम गौरी, रामावतार मीना, विजेंद्र पाराशर ने कहा कि केकड़ी की जनता ने लंबे संघर्ष के बाद जिला दर्जा हासिल किया था, जिसे बिना सुनवाई के छीन लेना जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने मांग नहीं मानी तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। वरिष्ठ अधिवक्ता हेमंत जैन ने कहा कि केकड़ी को जिला दर्जा देने की मांग अब केवल एक प्रशासनिक मुद्दा नहीं बल्कि क्षेत्र की अस्मिता से जुड़ा सवाल है। कोर्ट में सुनवाई से पूर्व ही अधिवक्ताओं ने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करते हुए जिला बचाओ – केकड़ी बचाओ के नारे लगाए। ज्ञापन में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को संबोधित करते हुए मांग की गई कि केकड़ी को पुनः जिला घोषित किया जाए, जिससे क्षेत्र की जनता को पहले जैसी प्रशासनिक सुविधा पुनः प्राप्त हो सके। ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि जब कई अन्य क्षेत्रों को जिलों का दर्जा दिया गया है, तो केकड़ी को वापस लेना पक्षपातपूर्ण और असंवेदनशील निर्णय है। इस मौके पर बार अध्यक्ष मनोज आहूजा, मुकेश शर्मा, रामावतार मीना, अनुराग पांडे, सलीम गौरी, हेमंत जैन, इमदाद अली, विजेंद्र पाराशर, अनिल शर्मा, विष्णु साहू, शिवप्रसाद पाराशर, अभिनव अग्रवाल, सानिया सेन, आदिल कुरैशी, इमरान खान, अमित बसेर, कमलेश शर्मा आदि मौजूद थे।

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