पटेल आदर्श विद्या निकेतन उच्च माध्यमिक विद्यालय में बाल गंगाधर तिलक व चंद्रशेखर आजाद जयंती मनाई
23 जुलाई 2024,केकड़ी- प्रधानाचार्य रामेश्वर चौहान ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ लादूराम रेगर की अध्यक्षता में बाल गंगाधर तिलक व चंद्रशेखर आजाद के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलित करके किया गया। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता गीता प्रजापति ने बाल गंगाधर तिलक के जीवन परिचय पर प्रकाश डालते हुए बताया कि तिलक गणित विषय के अध्यापक थे। उनकी तार्किक क्षमता बहुत अधिक थी। अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए वे 1890 में कांग्रेस से जुड़े। सन् 1897 में तिलक को जेल में बंद कर दिया गया। सन् 1898 में जेल से बाहर आकर उन्होंने स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत की। तिलक ने मांडले जेल में "गीता रहस्य" नामक पुस्तक लिखी।
इसी प्रकार चंद्रशेखर आजाद के जीवन परिचय पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि 13 अप्रैल 1919 की जलियांवाला बाग हत्याकांड की घटना ने आजाद को अंदर से झकझोर दिया। उन्होंने तय किया कि वे स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेंगे। वे 1921 में महात्मा गांधी द्वारा चलाए जा रहे असहयोग आंदोलन से जुड़ गए तथा विभिन्न आंदोलनों में भाग लेते रहे। एक दिन इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में आगामी योजना बना रहे थे, उस समय अंग्रेज पुलिस ने उनके ऊपर अचानक हमला कर दिया। वे 20 मिनट तक अकेले लड़ते रहे। अंत में अपनी पिस्तौल की आखिरी गोली स्वयं के लगा ली।
कार्यक्रम में यश बैरवा,रूद्र शर्मा, भूमि शर्मा, सात्विक पारीक, कुशाल सिंह, हर्षिता कुमावत, अंजली चौधरी, जीविका बुलीवाल, द्रोण मीणा, विराट जेतवाल, आदि भैया बहिनों ने भी बाल गंगाधर तिलक व चंद्रशेखर आजाद की जीवनी पर अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम के अंत में अध्यक्ष लादूराम रेगर ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हमें क्रांतिकारियों के जीवन से शिक्षा लेनी चाहिए तथा उनके गुणों को अपने जीवन चरित्र में उतारना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन आचार्य दीपक कुमार शर्मा ने किया।



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