अंगदान के महत्व पर केकड़ी में जागरूकता सत्र
केकड़ी- विश्व अंगदान दिवस के अवसर पर केकड़ी के यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ होम्योपैथी में एक जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें महाविद्यालय के लगभग 40 मरीजों और अन्य कर्मचारियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य अंगदान के महत्व को उजागर करना और इसके माध्यम से कितने जीवन बचाए जा सकते हैं, इस पर प्रकाश डालना था।
शिविर चिकित्सा प्रभारी डॉ. अंशुल चाहर ने अंगदान के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की और बताया कि हृदय, लीवर, किडनी, फेफड़े, पैनक्रियास, और आंखों का कॉर्निया जैसे अंगों का दान किया जा सकता है। उन्होंने अंगदान के दो प्रमुख प्रकारों - जीवित व्यक्ति द्वारा अंगदान और मृत व्यक्ति द्वारा अंगदान की जानकारी दी। जीवित व्यक्ति द्वारा किडनी और लीवर का एक हिस्सा दान किया जा सकता है, जबकि मृत व्यक्ति द्वारा हृदय, फेफड़े, किडनी, लीवर, पैनक्रियास, आंखों का कॉर्निया, और त्वचा सहित कई अंगों का दान संभव है।
विभागाध्यक्ष रिपर्टरी विभाग, डॉ. अंजलि ठाकुर ने इस सत्र में अंगदान की प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेजों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अंगदान के लिए पंजीकरण कैसे किया जा सकता है और इस प्रक्रिया को सरल एवं सुगम बनाने के लिए कौन-कौन से कदम उठाए जा सकते हैं। महाविद्यालय के कार्यवाहक प्राचार्य, डॉ. राजेश मीणा ने इस प्रकार के कार्यक्रमों की प्रशंसा की और इन्हें जनकल्याण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। इस सत्र ने उपस्थित लोगों को अंगदान के महत्व को समझने और इसके प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने का अवसर प्रदान किया।


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