केकड़ी को जिला बनाए रखने की मांग, बार एसोसिएशन ने सौंपा ज्ञापन
केकड़ी, 10 सितंबर 2024: केकड़ी जिला बार एसोसिएशन ने आज राज्य सरकार के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाते हुए "जिला बचाओ अभियान" के अंतर्गत एक ज्ञापन सौंपा। इस अभियान की अगुवाई बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राम अवतार मीणा ने की, जिसमें सैकड़ों अधिवक्ताओं ने हिस्सा लिया। उन्होंने जिला कलेक्टर श्वेता चौहान को ज्ञापन सौंपकर केकड़ी को जिले के रूप में यथावत बनाए रखने की मांग की। यह ज्ञापन तब आया जब राजस्थान सरकार द्वारा जिलों के पुनर्गठन के प्रस्तावों के बाद केकड़ी जिले को हटाने की अटकलें लगाई जा रही हैं। ज्ञापन में बार एसोसिएशन ने बताया कि 2023 में केकड़ी को जिला घोषित किया गया था और तब से इस जिले ने विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं।
केकड़ी जिले की स्थापना और विकास
बार एसोसिएशन ने यह भी उल्लेख किया कि केकड़ी में पहले से ही कई महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालय और सुविधाएं मौजूद थीं, जैसे कि जिला परिवहन अधिकारी का कार्यालय, जिला अस्पताल, विद्युत निगम का कार्यालय और जल विभाग के जिला स्तरीय कार्यालय। जिले बनने के बाद से केकड़ी में विकास की गति तेज हो गई, जिससे न सिर्फ स्थानीय जनता को लाभ मिला, बल्कि आसपास के क्षेत्रों जैसे सावर, सरवाड़ और भिनाय के लोग भी इन सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं।
पुनर्गठन की खबरों पर रोष
हाल ही में, राजस्थान सरकार में सत्तारूढ़ भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौर द्वारा दिए गए एक बयान ने केकड़ी के नागरिकों में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया। उन्होंने कहा था कि केकड़ी जैसी छोटी विधानसभा को जिला बनाना तुष्टिकरण की नीति का हिस्सा है, जिसे भाजपा सरकार खत्म करने की योजना बना रही है। इस बयान के बाद से केकड़ी के लोगों और बार एसोसिएशन ने इस कदम का विरोध शुरू कर दिया है।
जनआंदोलन की चेतावनी
बार एसोसिएशन ने राज्य सरकार को चेतावनी दी है कि यदि केकड़ी को पुनः अजमेर जिले में मिलाने की कोई भी कार्यवाही की गई, तो वे जनआंदोलन करेंगे। इस आंदोलन में केकड़ी के हर नागरिक का सहयोग प्राप्त होगा और इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि केकड़ी जिले के बनने से नागरिकों को कई सुविधाएं और सेवाएं नजदीक मिल रही हैं, जो पहले अजमेर जिले में जाने पर उपलब्ध थीं। पहले लोगों को 135 किमी की दूरी तय करनी पड़ती थी, जिससे उन्हें न केवल आर्थिक नुकसान होता था, बल्कि समय की भी भारी बर्बादी होती थी।
जिला प्रशासन का रुख
ज्ञापन को स्वीकार करते हुए, जिला कलेक्टर श्वेता चौहान ने बार एसोसिएशन को आश्वासन दिया कि उनकी मांगें राज्य सरकार तक पहुंचाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि प्रशासन जनता की भावनाओं और आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशील रहेगा।
केकड़ी के नागरिकों और अधिवक्ताओं का मानना है कि जिले का पुनर्गठन उन्हें पिछड़ा कर देगा और उनका विकास रुक जाएगा। वे उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार उनकी मांगों पर विचार करेगी और केकड़ी को जिले के रूप में बनाए रखेगी।
आगे देखना यह होगा कि राज्य सरकार इस ज्ञापन और जनआंदोलन की चेतावनी पर क्या कदम उठाती है। फिलहाल केकड़ी में ‘जिला बचाओ अभियान’ ने प्रशासन और सरकार के लिए एक चुनौती खड़ी कर दी है।






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