हर व्यक्ति के अंदर भगवान और शैतान का द्वंद्व- स्वामी सत्यानंद सरस्वती
12 सितंबर 2024, केकड़ी-मानव के भीतर दो तरह की शक्तियां होती हैं: एक जो उसे सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती है (भगवान) और दूसरी जो उसे भटकाती है या गलत मार्ग पर ले जाती है (शैतान)। यह द्वंद्व हमारे भीतर निरंतर चलता रहता है, और हमारी सोच, कर्म, और निर्णय इस पर निर्भर करते हैं कि हम किस शक्ति को प्रबल होने देते हैं।
केकड़ी शहर के श्री नारायण सदन, कोटा रोड पर आयोजित हो रहे दिव्य चातुर्मास कथा का आयोजन एक अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव प्रदान कर रहा है। इस सत्संग में वृंदावन से पधारे पूज्य स्वामी सत्यानंद जी सरस्वती जी रामायण के गूढ़ और प्रेरणादायक प्रसंगों पर प्रवचन दे रहे हैं। स्वामी जी ने अपने प्रवचनों में रामायण के वन गमन, दशरथ जी के प्राणांत और श्रवण कुमार के महत्वपूर्ण प्रसंगों को बड़े ही आध्यात्मिक और ओजस्वी तरीके से समझाया है।
स्वामी जी ने बताया कि हर व्यक्ति के अंदर भगवान और शैतान दोनों का वास होता है और यह हम पर निर्भर करता है कि हम किन शक्तियों को जागृत करते हैं। श्रवण कुमार के प्रसंग में उन्होंने श्रवण और सुनने के महत्व पर जोर दिया और बताया कि सिर्फ सुनना ही पर्याप्त नहीं होता, बल्कि सुने हुए का मनन और निदिध्यासन भी जरूरी है, ताकि हम सही निर्णय कर सकें।इस सत्संग में सैंकड़ों सत्संग प्रेमी हिस्सा ले रहे हैं, जिनमें प्रमुख नाम मदन गोपाल चौधरी, शिवरतन मूंदड़ा, रामवतार डोडिया, छीतरमल शर्मा, भंवरलाल फतपुरिया, रतनलाल पारीक, विजय कुमार बियानी, रामकरण जांगिड़ और रूपनारायण राठी शामिल हैं। यह चातुर्मास आयोजन अगले 17 तारीख तक चलेगा, और स्वामी जी के प्रेरक प्रवचनों से अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो रहे हैं।


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