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केकड़ी में अमरापुर दरबार जयपुर के संत भगत प्रकाश के प्रवचनों में कर्म और प्रारब्ध का महत्व, विशाल सत्संग समारोह का आयोजन

केकड़ी:- अमरापुर दरबार जयपुर प्रेम प्रकाशी मंडल के पीठासीन महामंडलेश्वर संत भगत प्रकाश ने देवगांव गेट स्थित गौशाला के सत्संग हाल में अपने प्रवचनों में कहा की हर इंसान को कर्म फल भोगना ही पड़ता है परमात्मा ने इंसान के प्रारब्ध में से 6 चीजें मान-अपमान,जन्म-मरण,लाभ-हानि अपने पास रखी हुई है ग्रंथों में साफ लिखा हुआ है कि इंसान कहां जन्म लेगा जीव कहां जन्म लेगा उसकी जीवन लीला कैसी होगी और उसका अंत कैसा होगा यह केवल और केवल परमात्मा ही जानते हैं। एक इंसान बहुत ही भला कार्य करता है लेकिन वह आगे चलकर बर्बाद हो जाता है और वही एक इंसान बुरे कर्म करता है और वह है सफलता को प्राप्त करता है यह उसका प्रारब्ध है जो परमात्मा ने लिख रखा है। किस जीव को कैसे, कब ,कहां और क्या मिलना है यह केवल परमात्मा ही जानता है जिस प्रकार हजार गायों में एक बछड़ा छोड़ दो वह अपनी मां के पास पहुंच जाता है ठीक उसी प्रकार जीव के कर्म उसका पीछा करते है और उसे अच्छा, बुरा कर्म फल भोगना ही पड़ता है।


 परमात्मा ने तरस खाकर जीव को मानव योनि दी है इस योनि के लिए देवतागण भी तरसते हैं, इस मानव जीवन में इंसान को सभी से प्यार करना है, कोई अगर बुरा भी कर रहा है तो उसके लिए भी भले की कामना करनी है तो ही उसका जीवन सार्थक है, सत्संग के पाश्चात प्रेम प्रकाश मंडल के नन्हे नन्हे बच्चों में ज्ञानवर्धक लघु नाटिका प्रस्तुत की जिसका समस्त साध संगत ने तालियां बजाकर हौसला अफजाई की।


इससे पूर्व भगत प्रकाश जी का जयपुर रोड पर समस्त सिंधी समाज द्वारा स्वागत कर उन्हें ढोल नगाड़ों के साथ फूलों की वर्षा करते हुए सत्संग स्थल तक लाया गया जहां सिंधी समाज, प्रेम प्रकाशी मंडल के पदाधिकारीयों ने उनका माल्यार्पण कर शाल ओढ़ा कर स्वागत किया इस विशाल सत्संग समारोह में केकड़ी, मालपुरा,सरवाड़,देवली, नसीराबाद इत्यादि शहरों से संगतों ने भाग लिया, सत्संग पश्चात सभी का आम भंडारा रखा गया।

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