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225 किमी बिना भोजन: स्वास्थ्य, आत्मशक्ति और 116 पदयात्रियों का अद्भुत संकल्प – 7 दिन नींबू पानी के सहारे

केकड़ी- पदयात्रा वो भी उपवास पर आधारित और उपवास में आहार के रूप में सिर्फ नींबू पानी...ऐसी अनूठी और ऐतिहासिक पदयात्रा केकड़ी से रविवार सुबह रवाना होगी। ठहराव स्थल महेश वाटिका से रविवार सुबह 6:00 बजे यह यात्रा प्रस्थान कर जाएगी तथा शहर के हृदय स्थल नर्मलेश्वर महादेव मंदिर के यहां एक सूक्ष्म कार्यक्रम में केकड़ी विधायक शत्रुघ्न गौतम पदयात्रियों को शुभकामनाएं देते हुए रवानगी देंगे। इस पदयात्रा में 116 पद यात्रियों का रजिस्ट्रेशन है। इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर साइंटिफिक स्पिरिचुअलिज्म मेरठ के तप सेवा सुमिरन परिवार एवं केकड़ी के बढ़ते कदम संस्थान द्वारा केकड़ी से सांवलिया सेठ की जन जागृति उपवास पदयात्रा का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें पदयात्रियों द्वारा बिना कुछ खाये सात दिन में 225 किमी की दूरी तय की जाएगी। पदयात्रा का निर्देशन इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर साइंटिफिक स्पिरिचुअलिज्म मेरठ के डॉ गोपाल शास्त्री करेंगे।


इस यात्रा को केकड़ी से आयोजित करने के लिए ख्यातनाम कवि बुद्धि प्रकाश दाधीच सूत्रधार बने हैं। बढ़ते कदम गौशाला संस्थान की टीम के द्वारा पूरी यात्रा को संयोजित किया गया है। यात्रा के मार्गदर्शक मेरठ के डॉ गोपाल शास्त्री देर शाम को केकड़ी पहुंचे और पदयात्रा में भाग ले रहे साधकों को मार्गदर्शन प्रदान किया। महेश वाटिका में सत्र में डॉ शास्त्री ने कहा कि उपवास जटिल व असाध्य रोगों से उबरने में कारगर है। इस यात्रा में सुबह-शाम केवल नींबू-पानी व शहद के सहारे पदयात्रियों द्वारा सात दिन तक पैदल चलकर स्वास्थ्य रूपी संजीवनी के द्वारा जीवनी शक्ति को प्रबल किया जाएगा। यह पैदल यात्रा कादेड़ा, बीड के बालाजी, शाहपुरा, मिन्डोलिया, महुआ कला, भीलवाड़ा, क्यारा के बालाजी पुर, नौगांवा, राशमी, कपासन शनि महाराज मंदिर होती हुई 7 दिसंबर को चित्तौड़गढ़ जिले में मण्डफिया स्थित प्रसिद्ध धर्मस्थल सांवलियाजी मंदिर पहुंचकर पूर्ण होगी। इस पदयात्रा में राजस्थान के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश व मध्यप्रदेश के साधक भी शामिल है। सभी पदयात्री पैदल चलकर प्रतिदिन औसतन लगभग 30-32 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे। पदयात्रा के समापन पर सांवलियाजी मंदिर में भगवान सांवलिया सेठ बांके बिहारी के दर्शन के बाद सभी साधक गरम सब्जी के सूप के साथ अपने व्रत-उपवास का पारणा करेंगे।


उपवास व आध्यात्म में शक्ति अपार 

संयोजक कवि बुद्धिप्रकाश दाधीच ने बताया कि प्राकृतिक जीवन शैली के वैज्ञानिक सिद्धांतों की प्रामाणिकता को उजागर करने के उद्देश्य से यह जन जागृति पदयात्रा हर साल अलग-अलग स्थानों पर आयोजित की जाती है, ताकि समाज में व्याप्त भ्रांतियों को दूर कर, व्रत और आध्यात्मिक शक्ति को समझाया और दिखाया जा सकें। उन्होनें कहा कि उपवास और आध्यात्म के वैज्ञानिक सिद्धांतों को समझकर, उनके प्रयोग से जीवन में रोग व चिंताएं दूर कर अखंड स्वास्थ्य, शक्ति, आनंद, ज्ञान, और प्रेम सहज ही प्राप्त किया जा सकता है।

ये है व्यवस्था में शामिल

इस पदयात्रा के आयोजन को लेकर केकड़ी के बढ़ते कदम संस्थान के दर्जनों कार्यकर्ता व्यवस्था में जुटे हुए हैं। पदयात्रा के मार्ग का सर्वे कर पदयात्रियों के ठहरने व रात्रि विश्राम के लिए समुचित बंदोबस्त किये हैं। कमेटी में बुद्धिप्रकाश दाधीच, आनन्द सोमानी, ओमप्रकाश शर्मा, महेंद्र प्रधान आदि शामिल है।

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