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केकड़ी में अंगारों की होली और घास भैरू की सवारी: पुलिस का सख्त पहरा, उपद्रवियों पर कार्रवाई की चेतावनी

केकड़ी- दीपावली के अगले दिन केकड़ी में हर साल एक ऐसा मेला लगता है जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। इस दिन यहां निकाली जाती है "घास भैरू की सवारी," और इसके साथ ही शुरू होता है पटाखों का धमाका! इस परंपरा में लोग पटाखों से एक-दूसरे पर धुआंधार हमले करते हैं, जिसे "अंगारों की होली" कहा जाता है। घास भैरू की सवारी के दौरान होती है पटाखों की मारधाड़। बस, हर गली-चौक पर युवा एक-दूसरे पर पटाखे फेंकते हैं जैसे किसी वर्ल्ड वॉर में हिस्सा ले रहे हों!

फाइल शॉट 

इस बार युवाओं का जोश कुछ ज्यादा ही दिखा। आमतौर पर ये धमाका गोवर्धन पूजा की रात होता है, लेकिन इस बार लक्ष्मी पूजन के बाद ही लोग पटाखों के साथ मैदान में कूद पड़े। लग रहा था जैसे पटाखों की पूरी फौज तैयार हो गई हो और हर गली-नुक्कड़ पर पटाखों का मेला सा लग गया।

300 साल पुरानी परंपरा का अनोखा अंदाज

घास भैरू की सवारी का इतिहास करीब 300 साल पुराना है। इस दिन माना जाता है कि घास भैरू की शीला में 36 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है। लोग पूरे शहर में घुमाते हैं ताकि सब पर उनकी कृपा बनी रहे और क्षेत्र में खुशहाली और शांति बनी रहे। इसी सवारी के दौरान लोग पटाखों से खेलते हैं और इस परंपरा को पूरी श्रद्धा और मस्ती के साथ निभाते हैं।

पुलिस की कड़ी नजर

अब ऐसी मस्ती हो और पुलिस चुप बैठी रहे, ये कैसे हो सकता है! पुलिस ने पहले से ही चेतावनी दी है कि इस बार किसी ने गड़बड़ी की, तो कड़ी कार्रवाई होगी। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामचंद्र सिंह और थाना अधिकारी कुसुमलता ने साफ-साफ कहा कि पटाखों की आड़ में कोई उपद्रव नहीं चलेगा। 

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