विद्युत निजीकरण के खिलाफ बिजलीकर्मियों का प्रदर्शन, जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
केकड़ी, 29 नवंबर 2024: राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति ने आज राज्य में विद्युत उत्पादन, प्रसारण और वितरण निगमों में हो रहे निजीकरण के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नाम जिला कलेक्टर श्वेता चौहान को ज्ञापन सौंपा। समिति ने राज्य सरकार से निजीकरण की प्रक्रिया पर तुरंत रोक लगाने की मांग की और चेतावनी दी कि मांगें पूरी न होने पर आंदोलन तेज किया जाएगा। ज्ञापन में कहा गया कि विद्युत क्षेत्र जो अब तक राज्य सरकार द्वारा जनहित के लिए संचालित किया जाता था को लाभ-हानि के आधार पर निजीकरण की ओर धकेला जा रहा है। समिति का आरोप है कि निजीकरण से न केवल राज्य की सामरिक और तकनीकी सुरक्षा को खतरा है, बल्कि युवाओं के स्थायी रोजगार के अवसर भी समाप्त हो रहे हैं।
संघर्ष समिति की चेतावनी:
1. HAM मॉडल का विरोध: 33/11 केवी ग्रिड और फीडर सेग्रिगेशन के नाम पर निजीकरण को राज्य और देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया।
2. स्थायी कर्मचारियों की नियुक्ति: ग्रिड और सब-स्टेशनों के संचालन में स्थायी कर्मचारियों की कमी से दुर्घटनाओं में वृद्धि हो रही है।
3. स्मार्ट मीटर योजना पर सवाल: स्मार्ट मीटर की प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा गया कि अन्य राज्यों ने इसे खारिज किया है।
4. तापीय बिजलीघरों का निजीकरण: उत्पादन गृहों को केंद्रीय निगमों को सौंपने की प्रक्रिया को बंद करने की मांग की गई।
5. पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग: कर्मचारियों को OPS का लाभ देने की प्रक्रिया को पूरा नहीं करने पर नाराजगी जताई गई।
कर्मचारियों का विरोध और सरकार को चेतावनी:संघर्ष समिति ने कहा कि वर्तमान निजीकरण नीतियों से राज्य के विद्युत क्षेत्र को कमजोर किया जा रहा है। यह कदम राज्य की जनता, उद्योग और कर्मचारियों के हितों के खिलाफ है। कर्मचारियों ने आज कार्य बहिष्कार करते हुए ज्ञापन सौंपा और कहा कि यदि सरकार ने जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो आंदोलन और व्यापक होगा।



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