Header Ads

test

क्या केकड़ी रहेगा जिला? सरकार करेगी छोटे जिलों पर बड़ा फैसला

केकड़ी- राजस्थान के कई छोटे जिलों पर अब संकट के बादल मंडराने लगे हैं। पिछले कांग्रेस कार्यकाल में बनाए गए दूदू, केकड़ी, सांचौर, गंगापुर सिटी और शाहपुरा जैसे जिलों को अब एक बार फिर से बड़े जिलों में मिलाने पर विचार किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा गठित एक समीक्षा समिति ने इन जिलों के छोटे क्षेत्रफल और जनसंख्या के कारण इनके प्रशासनिक औचित्य पर सवाल उठाए हैं। समिति का मानना है कि इन जिलों का आकार और जनसंख्या इतनी कम है कि इन्हें अलग प्रशासनिक इकाई बनाए रखना व्यावहारिक नहीं है।


समिति की रिपोर्ट उपचुनाव के बाद नवंबर के अंत तक सरकार को सौंपी जाएगी जिसके बाद सरकार इन जिलों के भविष्य पर फैसला लेगी। लेकिन इस रिपोर्ट के आने से पहले ही छोटे जिलों के स्थानीय निवासियों और नेताओं में असंतोष और विरोध की लहर उठ चुकी है। केकड़ी और गंगापुर सिटी में प्रदर्शन हो रहे हैं, और स्थानीय लोगों का कहना है कि जिलों को समाप्त करना उनके जनहित के खिलाफ है।

क्यों संकट में हैं ये जिले?

समीक्षा समिति का तर्क है कि कई छोटे जिलों का गठन राजनीतिक कारणों से जल्दबाजी में किया गया था, जिनका न तो क्षेत्रफल अधिक है और न ही जनसंख्या। ऐसे जिलों को बनाए रखने से प्रशासनिक खर्च और कठिनाइयां बढ़ जाती हैं। जनगणना रजिस्ट्रार जनरल की समयसीमा को ध्यान में रखते हुए सरकार को इस पर 31 दिसंबर से पहले निर्णय लेना होगा, अन्यथा नए प्रशासनिक सीमाओं में कोई भी बदलाव नहीं हो पाएगा।

केकड़ी में विरोध?

केकड़ी जो हाल ही में जिला बना था के निवासियों को उम्मीद थी कि जिला बनने से उन्हें प्रशासनिक कार्यों में आसानी होगी और सरकारी सेवाओं का लाभ मिलेगा। लेकिन अब इस जिले को मर्ज करने की सिफारिश से स्थानीय लोग आक्रोशित हैं। पिछले दिनों केकड़ी और शाहपुरा में कई राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने इसके विरोध में रैलियां और धरने किए। उनका मानना है कि जिला बने रहने से क्षेत्र का विकास होगा और लोगों को सहूलियतें मिलेंगी।

सरकार के लिए अहम फैसला

राज्य सरकार अब इस मुद्दे पर दोराहे पर खड़ी है। अगर वह समिति की सिफारिशों को मानती है तो इन जिलों को मर्ज कर दिया जाएगा, और अगर जनता की भावनाओं का सम्मान करती है तो इन जिलों को बरकरार रखा जाएगा। निर्णय जो भी हो, यह तय है कि राजस्थान में छोटे जिलों के भविष्य पर उठे सवाल आने वाले समय में एक बड़ा मुद्दा बन सकते हैं।

No comments