डाई नदी पर अवैध खनन का खेल: बजरी माफियाओं के हौसले बुलंद, प्रशासन बना मूक दर्शक
सरवाड़ उपखंड के समेलिया गांव में डाई नदी पर अवैध बजरी खनन का गोरखधंधा प्रशासन और कानून व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती बनता जा रहा है। दिनदहाड़े जेसीबी और दर्जनों ट्रैक्टरों की मदद से नदी का सीना चीरकर बजरी निकाली जा रही है। खनन माफिया को न तो कानून का डर है और न ही प्रशासन की कार्रवाई का। स्थानीय सूत्रों का दावा है कि माफिया अपने राजनीतिक संपर्कों के कारण बेखौफ है। पुलिस अधीक्षक अजमेर वंदिता राणा ने जिले के सभी थानाधिकारियों को अवैध बजरी खनन के खिलाफ कार्रवाई के विशेष निर्देश जारी किए थे। इसके तहत कुछ स्थानों पर अभियान चलाकर कार्रवाई भी की गई, लेकिन क्षेत्र में खनन माफिया के हौसले अभी भी बुलंद हैं।
जब इंडिया अपडेट न्यूज़ की टीम मौके पर पहुंची तो खननकर्ता जेसीबी और ट्रैक्टर लेकर भाग खड़े हुए। यह घटना दर्शाती है कि माफिया न केवल संगठित हैं, बल्कि मौके पर अचानक पहुंचने पर भी सतर्क रहते हैं। सबसे बड़ी विडंबना यह है कि यह अवैध खनन सरवाड़ थाना, तहसील और उपखंड मुख्यालय से कुछ ही किलोमीटर दूर खुलेआम हो रहा है। डाई नदी पर हो रहा यह अवैध खनन न केवल क्षेत्र के पारिस्थितिक तंत्र को बर्बाद कर रहा है, बल्कि सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये का नुकसान भी पहुंचा रहा है। प्रतिदिन सैकड़ों टन बजरी निकाली जा रही है, जिससे न केवल नदी का प्राकृतिक बहाव बाधित हो रहा है, बल्कि जलस्तर गिरने की आशंका भी बढ़ रही है।
सवाल यह है कि क्या प्रशासन इन दबावों से ऊपर उठकर जनता और पर्यावरण के हित में सख्त कार्रवाई करेगा। इलाके के लोग इस गोरखधंधे से परेशान हो चुके हैं। जनता का कहना है कि पुलिस अधीक्षक के निर्देशों का पालन करते हुए खनन माफिया को पूरी तरह से खत्म करने के लिए एक मजबूत अभियान चलाया जाए। अगर समय रहते इस गोरखधंधे को नहीं रोका गया, तो यह सिर्फ नदी का नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के भविष्य का सवाल बन जाएगा।




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