केकड़ी कृषि उपज मंडी में सरसों की जांच पर किसानों की पैनी नजर, महापंचायत अध्यक्ष ने किया लैब का निरीक्षण
केकड़ी। हाल ही में सामने आई सरसों की गुणवत्ता जांच में धांधली की खबरों के बाद किसानों में असंतोष का माहौल देखने को मिला। इसी को लेकर सोमवार को किसान महापंचायत के अजमेर जिलाध्यक्ष बालूराम भींचर स्वयं केकड़ी कृषि उपज मंडी पहुंचे और वहां स्थापित सरकारी लैब का गहन निरीक्षण किया। भींचर ने मंडी परिसर में फॉस मशीन सहित सभी पांच जांच मशीनों का जायजा लिया। उन्होंने सरसों के एक ही सैंपल को न सिर्फ मंडी लैब में टेस्ट करवाया बल्कि उसी सैंपल को बाहर की एक निजी लैब में भी जांच के लिए भेजा। सभी रिपोर्टों की तुलना के बाद मंडी लैब की जांच रिपोर्ट को सही और विश्वसनीय बताया गया। मंडी में कुल 5 मशीनें कार्यरत हैं जिनमें से एक मशीन मांडल से और एक अजमेर से है। ये सभी मशीनें लगभग 14 लाख रुपये की लागत से स्थापित की गई हैं। मंडी में प्रतिदिन करीब 20,000 से 30,000 कट्टे सरसों की आवक हो रही है। इनमें से औसतन 2200 सरसों के ढेरों की गुणवत्ता की जांच प्रतिदिन की जा रही है। जांच के लिए लगभग 2500 सैंपल लिए जाते हैं।
सरसों की पारदर्शी जांच व्यवस्था के कारण प्रतिदिन करीब 1.75 लाख रुपये की सीधी बचत किसानों को हो रही है। इससे किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिल पा रहा है। मंडी प्रशासन द्वारा दिन में चार बार मशीनों की जांच की जाती है ताकि जांच प्रक्रिया में किसी प्रकार की त्रुटि न हो। जहां 33 कर्मचारियों की आवश्यकता है वहीं फिलहाल सिर्फ 5 कर्मचारी ही कार्यरत हैं, जिससे व्यवस्था पर अतिरिक्त दबाव बना हुआ है। कई किसान मंडी से अपना माल मालपुरा और निवाई भेज रहे हैं, जहां भाव ज्यादा मिल रहे हैं। बावजूद इसके, मंडी में पारदर्शिता को लेकर अब किसानों में भरोसा बना है। अध्यक्ष बालूराम भींचर ने स्पष्ट कहा कि मंडी के बाहर किसानों के साथ यदि कोई धोखाधड़ी होती है, तो इसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही उन्होंने मंडी प्रशासन से स्टाफ की संख्या बढ़ाने और व्यवस्था को और मजबूत करने की मांग की।

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